Agra News: ताजनगरी में अप्रैल से ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाने में लगी हुई है. अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में आगरा का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया. ऐसे में लोग गर्मी से निजात पाने के लिए अपने घर में एसी लगवाने लगे हैं. मगर आगरा में कई ऐसी कॉलोनियां भी हैं, जहां पर लोग एयर कंडीशन का प्रयोग ही नहीं करते. उनकी कॉलोनी में एयर कंडीशन लगाने पर पूर्णत: पाबंदी है. आप सोचेंगे कि शायद उनके पास एसी खरीदने को पैसे नहीं होंगे लेकिन ऐसी बात नहीं है. बल्कि इस कॉलोनी में बड़े बिजनेसमैन, डॉक्टर, इंजीनियर और आईएएस व आईपीएस रहते हैं. आखिर क्यों नहीं लगाते यह लोग गर्मियों में एसी जानिए प्रभात खबर के साथ…
ताजनगरी के दयालबाग क्षेत्र में करीब 8 ऐसी कॉलोनियां है, जहां पर लोग गर्मी से बचने के लिए सिर्फ कूलर और पंखों का प्रयोग करते हैं. इन लोगों का कहना है कि एसी से कमरा भले ही ठंडा हो जाता है लेकिन उससे निकलने वाली गर्म हवा से बाहर का तापमान बहुत बढ़ जाता है. उसी वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है.
राधा स्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैयर ने बताया कि पर्यावरण का संरक्षण करना हमारी पहली प्राथमिकता है. इसीलिए दयालबाग सत्संग सभा की सभी कॉलोनियों में एसी और धुंए वाले वाहनों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा हुआ है.
मीडिया प्रभारी एसके नैयर ने बताया कि सत्संग सभा की करीब 8 कॉलोनियों में एसी नहीं लगे हैं. जिसमें स्वामी नगर, दयाल नगर, प्रेम नगर, विद्युत नगर, श्वेत नगर, कार्य वीर नगर, राधा नगर और शरण आश्रम नगर इन सभी कॉलोनियों में किसी के भी घर में एसी नहीं है.
दयालबाग के विद्युत नगर में रहने वाले गुलमोहर छाबड़ा ने बताया कि दयालबाग के लोग सादा जीवन उच्च विचार की सोच पर चलते हैं. हम लोग प्रकृति को बचाने के लिए यह कदम उठाते हैं. क्योंकि हमें पता है कि एसी की गर्म हवा प्रकृति को अत्यधिक नुकसान पहुंचाती है. और दयालबाग के लोग हमेशा प्राकृतिक जीवन पर ही विश्वास करते हैं.
इसीलिए हम लोग अपने घरों में एसी का प्रयोग नहीं करते. हम लोगों ने शुरू से ही अपने आप को बिना एसी के ढाल लिया है. इसीलिए आज हम कूलर और पंखे का ही प्रयोग करते हैं. और दयालबाग क्षेत्र में इतने पेड़-पौधे हैं कि जिसकी वजह से शहर के तापमान और दयालबाग की कॉलोनियों के तापमान में दो से 3 डिग्री की कमी रहती है.
दयालबाग की राधा नगर कॉलोनी के सरपंच आनंद सिन्हा ने बताया कि हमारे यहां ऐसी लगाने की अनुमति नहीं है. हमारी कॉलोनी में मकान कुछ इस तरह से बने हुए हैं कि उसमें पूर्ण रूप से हवा का आदान-प्रदान होता है. जिसकी वजह से हमारे घरों में गर्मी का कम एहसास होता है. हमने घर की दीवार मोटी बनाई है और जो छतें हैं वह ऊंची हैं जिसकी वजह से हम अत्यधिक गर्मी से बचे रहते हैं.
स्पेशल रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत