Bank Strike News: सेंट्रल ट्रेड यूनियन के निजीकरण नीति के विरोध में सोमवार से दो दिवसीय बैंक हड़ताल के कारण गढ़वा जिले के 16 बैंक शाखाओं में ताला लटके रहे. 16 बैंक के हड़ताल पर रहने के कारण लगभग 10 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. हड़ताल के पहले दिन बैंक के लेनदेन पर खासा असर नहीं रहा, क्योंकि जिले के 41 बैंक शाखाओं में आम दिनों की तरह काम होते रहे. जिले के अधिकांश बैंक के हड़ताल पर नहीं रहने के कारण इसका व्यापक असर नहीं देखा गया.
इन बैंक शाखाओं में लटका ताला
पंजाब नेशनल बैंक के 4, सेंट्रल बैंक के 5, बैंक ऑफ इंडिया के 2, यूनियन बैंक की 2 शाखा, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक के एक-एक शाखा में ताला लटका रहा. वहीं, उक्त शाखा के एटीएम भी बंद रहे. जिसके कारण उपभोक्ताओं को राशि लेन-देन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा. जिन 16 बैंकों में हड़ताल थे उस बैंक उपभोक्ताओं को परेशानी हुई और उनका लेनदेन नहीं हो सका. इन बैंक के उपभोक्ताओं को बैंक से वापस जाना पड़ा.
सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण का विरोध
बैंक के कर्मियों ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही एक-एक कर सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करने पर आमदा है. सरकारी बैंक भी इससे अछूता नहीं है. इससे यह साफ हो गया है कि केंद्र की सरकार कारपोरेट घराने को मदद कर रही है. हड़तल से जीवन बीमा निगम अैर डाकघर भी प्रभवित रहा. इस मौके पर पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक संजय औरों, कौशल कुमार, राजीव रंजन, कनिष्क जैन, दिव्या कुमारी, बिनोद राम, सनी कुमार, रोहित कुमार, नरेंद्र कुमार, राजू कुमार सहित सभी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे.
बैंक कर्मियों की मांग
बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, कारपोरेट घरानों के एनपीए ऋण वसूली के लिए सख्त कार्रवाई करने, अस्थाई कर्मियों का नियमितीकरण करने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाने एवं खाली पदों पर अभिलंब नियुक्ति करने,सामाजिक बैंकिंग जारी रखने की मांग शामिल है.
SBI के सभी शाखाएं खुली रही
हड़ताल को लेकर भारतीय स्टेट बैंक के जिले की सभी 15 शाखाएं खुली रही. गढ़वा मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक उमाकांत ने बताया कि ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन ने बंद को समर्थन किया है. बंद में शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि जिले में 15 शाखा और 15 एटीएम कार्य कर रहे हैं.
रिपोर्ट : जितेंद्र सिंह, गढ़वा.