Banka: सुल्तानगंज से बाबाधाम की डगर से होकर भोलेनाथ के भक्तों के भक्ति का तरीका भी एक से बढ़ कर एक है. जमुई जिले के खसोड़िया गांव की एक महिला शिवभक्त प्रत्येक सोमवार को कांवर में उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर बाबा दरबार पहुंचती है. उसकी यह संकल्प यात्रा लगभग चौदह वर्षों से अनवरत जारी है.
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कांवरिया पथ के दुल्लीसार के निकट प्रभात-खबर से बातचीत के दौरान शिवभक्त नीलम बम ने कहा कि बाबा तो औघड़दानी हैं. उनकी कृपा से इतना कुछ मिला है कि जिसकी गिनती कराना संभव नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि वे गरीब भक्त हैं. लॉकडाउन में गाड़ी नहीं चलने की स्थिति में तो बाबाधाम से सुल्तानगंज भी पैदल ही वापस हुई. एक-दो बार पैसे के अभाव में संकल्प यात्रा रुक भी गयी. वह कांवर यात्रा के दौरान दिन भर फलाहार व रात्रि में नमक युक्त भोजन ग्रहण करती है. कई बार तो रास्ते में मददगार नहीं मिलते या भोजन का इंतजाम नहीं रहने पर सिर्फ जल ही पीकर यात्रा पूरी की है.
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महिला श्रद्धालु नीलम बम ने बताया कि उन्हें किसी ज्योतिष ने बताया कि पुत्र को अठारह वर्ष की उम्र में मृत्युदंड है. पुत्र को इस दंड से मुक्त करने को लेकर उसने प्रत्येक सोमवार को पैदल देवघर पहुंच कर बाबा को जलाभिषेक करने का निर्णय लिया. संकल्प यात्रा के दौरान ही पुत्र के अठारह वर्ष पूर्ण होने पर घर से खबर आयी कि उसका कंठ बैठ गया है, पानी भी पार करने की स्थिति में नहीं है. नीलम बम ने कहा कि उन्होंने घर वालों से कहा कि बाबा का नाम लेकर उसे फेंक आयें, आगे बाबा की मर्जी. इतना कह कर वह बाबाधाम की ओर अग्रसर हो गयी.
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देर शाम पुत्र नहीं बड़ी मुश्किल से कॉल कर बताया कि वह स्वस्थ है. कुछ देर पहले ही यूं महसूस हुआ कि किसी ने उसे गोद में लेकर दूध पिलाया. फिर स्वास्थ्य में सुधार होता गया. नीलम बम ने बताया कि जब तक शरीर में सांस रहेगी, तब तक प्रत्येक सोमवार को जलार्पण करने की संकल्प यात्रा भी जारी रहेगी.