Bihar News: बांका में सैलानियों के लिए फिर से चालू हुआ रोपवे, 40 दिनों से पड़ा था बंद
बिहार में करीब एक माह से ज्यादा समय तक बंद पड़े मंदार रोपवे का परिचालन आज से आरंभ हो गया. झारखंड के त्रिकूट में रोपवे हादसा के बाद सुरक्षा के मद्देनजर 3 अप्रैल को मंदार रोपवे का परिचालन मेंटेनेंस की वजह से बंद कर दिया गया था.
बिहार में करीब एक माह से ज्यादा समय तक बंद पड़े मंदार रोपवे का परिचालन आज से आरंभ हो गया. मालूम हो कि यह बिहार का दूसरा रोपवे है. मंदार रोपवे जो पिछले करीब एक माह से मेंटेनेंस कर्मियों के अभाव के कारण बंद पड़ा हुआ था. जानकारी हो कि 13 अप्रैल को मंदार रोपवे का परिचालन मेंटेनेंस कर्मियों की वजह से बंद कर दिया गया था.
त्रिकूट में रोपवे हादसा के बाद किया गया था बंद
झारखंड के त्रिकूट में रोपवे हादसा के बाद सुरक्षा के मद्देनजर यह कार्य किया गया था. मंदार रोपवे मैनेजर दीपक कुमार ने बताया कि मेंटेनेंस कर्मी के कमी की वजह से परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी. बताया गया कि 10 मेंटेनेंस कर्मी आरआरपीएल के द्वारा भेजे गये हैं. इसके बाद गुरुवार सुबह 9:30 बजे से रोपवे का विधिवत परिचालन आरंभ कर दिया गया, जो पहले की भांति चलेगी.
सैलानियों की खुशी का ठिकाना नहीं
प्रबंधक दीपक कुमार एवं सुरक्षा अधिकारी मनीष तिवारी की उपस्थिति में रोपवे को चालू किया गया. रोपवे के चालू होते ही सैलानियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मंदार पर्वत स्थित रोपवे के प्लेटफार्म में तीर्थ यात्री एवं आम सैलानी पहुंचकर लाइन लगाकर टिकट कटाने लगे और अपनी बारी का इंतजार करने लगे. जिसमें सहरसा, सुपौल, मधेपुरा सहित अन्य जिलों से तीर्थ यात्रियों ने रोपवे का सफर किया.
पर्यटक पैदल ही पर्वत पर जाने को विवश थे
मालूम हो कि रोपवे में परिचालन बंद रहने से इन दिनों सैलानियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. गर्मी की वजह से जैन तीर्थ यात्री और पर्यटक पैदल ही पर्वत पर जाने को विवश थे. तेज गर्मी की वजह से उन्हें जाने में काफी परेशानी हो रही थी. इसके पुन: आरंभ हो जाने से सैलानियों को राहत मिलेगी.
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सरकार को यहां से प्रतिदिन करीब 40000 का राजस्व आता है
बता दें की मंदार रोपवे पर प्रतिदिन 500 से 600 की संख्या में सैलानी सफर करते हैं. पर्यटन विभाग को प्रतिदिन यहां से करीब 40000 का राजस्व आता है. पिछले डेढ़ माह से रोपवे बंद रहने की वजह से राजस्व की भारी क्षति हो रही थी. साथ ही इसका विपरीत प्रभाव स्थानीय दुकानदारों पर पड़ रहा था. रोपवे के चालू होने से जहां सैलानी खुश हैं वहीं आम दुकानदारों के चेहरे पर भी खुशी लौट आई है.