बांकुड़ा (प्रणव कुमार बैरागी) : बांकुड़ा जिला के जंगलमहल इलाका के रायपुर, रानीबांध एवं तालडांगरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) का दबदबा रहा है. बंगाल चुनाव 2021 के प्रथम चरण में 27 मार्च को जिले के जंगलमहल इलाके की आरक्षित विधानसभा सीटों रायपुर एवं रानीबांध में मतदान होना है. तालडांगरा में एक अप्रैल को वोटिंग होगा.
जंगलमहल की इन तीनों सीटों पर लंबे अरसे तक सीपीएम का कब्जा रहा. इस क्षेत्र को माकपा का गढ़ माना जता था. हालिया चुनावों में ममता बनर्जी ने माकपा के इस किला को ध्वस्त कर दिया. इस बार हवा कुछ बदली-बदली है. लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि माकपा ठिठक सी गयी है.
वर्ष 2011 में बांकुड़ा जिले की 12 से तीन सीटों पर सीपीएम एवं एक सीट कोतुलपुर पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. बाद में विदायक ने दल बदल लिया और तृणमूल के हाथ मजबूत हो गये. इस बार रानीबांध, रायपुर एवं तालडांगरा में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं.
Also Read: बांकुड़ा जिला की 12 सीटों पर दो फेज में होगा मतदान, 27 मार्च और 1 अप्रैल को पड़ेंगे वोटरानीबांध सीट पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस बार ज्योत्सना मांडी को उतारा है. वह विधायक थीं. सीपीएम ने भी वर्ष 2011 तक विधायक रह चुकीं देवलीना हेम्ब्रम को टिकट दिया है, तो भाजपा ने शिक्षक खुदीराम टुडू को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2,52,707 मतदाता तथा 652 सर्विस वोटर इस बार 7 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
रायपुर विधानसभा सीट की बात करें, तो तृणमूल ने विधायक वीरेंद्र नाथ टुडू का टिकट काटकर जिला परिषद के सभाधिपति मृत्युंजय मुर्मू पर भरोसा जताया है. भाजपा ने शिक्षक सुधांशु हांसदा पर दांव लगाया है, तो संयुक्त मोर्चा की ओर से इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) ने राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी (आईएसएमएफ) के चुनाव चिह्न पर मिलन मांडी को मैदान में उतारा है.
वर्ष 2011 में सीपीएम के टिकट पर उपेन किस्कू यहां से विधायक चुने गये थे. वर्ष 2016 में यह सीट तृणमूल के खाते में चली गयी. यहां भी त्रिकोणीय मुकाबले की बात कही जा रही है. 2,24,099 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे और 5 प्रत्याशियों की किस्मत तय करेंगे. यहां पहले चरण में 27 मार्च को वोटिंग होनी है.
Also Read: Bengal Chunav 2021: सालतोड़ा में भाजपा की चंदना बाउरी और तृणमूल के संतोष कुमार के बीच कांटे का मुकाबलाजिले की तालडांगरा सीट भी सीपीएम का गढ़ हुआ करती थी. वर्ष 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी, तब सीपीएम ने यहां जीत दर्ज की थी. मनोरंजन पात्र विधायक बने थे. इस बार सीपीएम ने मनोरंजन पात्र को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके मुकाबले तृणमूल ने वर्तमान विधायक समीर चक्रवर्ती को टिकट नहीं देकर युवा नेता अरूप चक्रवर्ती को मैदान में उतारा है.
अरूप चक्रवर्ती एक समय जिला परिषद के सभाधिपति थे. भाजपा ने भी यहां इन दोनों को कड़ी टक्कर देने वाला उम्मीदवार उतारा है. करीब दो वर्ष पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए श्यामल सरकार को भगवा दल ने अपना प्रत्याशी बनाया है. यहां 2,32,186 मतदाताओं के अलावा 1105 सर्विस वोटर 7 उम्मीदवारों में से एक विधायक चुनेंगे.
इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस ने जंगलमहल में शांति लौटाने एवं विकास कार्य को मुद्दा बनाया है, तो भाजपा ने आसोल परिवर्तन का स्लोगन दिया है. रानीबांध एवं रायपुर में चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में है. इसलिए सभी दलों के बड़े नेताओं ने यहां पूरा जोर लगा दिया है.
Posted By : Mithilesh Jha