बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली नगर निगम में बार-बार वाटर और सीवर लाइन क्षतिग्रस्त से लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. इससे लाखों लोग पानी सप्लाई की समस्या से जूझते हैं, तो वहीं नगर निगम को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि (नुकसान) उठाना पड़ता है. मगर, अब नगर निगम के महाप्रबंधक जल एके राजपूत ने वाटर और सीवर लाइन क्षतिग्रस्त करने वालों पर एफआईआर कराने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि स्मार्ट सिटी समेत शहर में तमाम प्रोजेक्ट चल रहे हैं. यह निर्माण करने वाले ठेकेदार वाटर,और सीवर लाइन को बड़ा नुकसान करते हैं. वाटर लाइन क्षतिग्रस्त होने से शहर में आए दिन पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है.
अब ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसके साथ ही नुकसान का आंकलन कर पेनाल्टी लगाई जाएगी. इसके लिए सभी विभागों के ठेकेदारों को नोटिस जारी किया गया है.बरेली में खुदाई के दौरान आए दिन जगह जगह वाटर, और सीवर लाइन क्षतिग्रस्त करने के मामले सामने आते हैं.इनको दुरुस्त कराने में नगर निगम के जलकल विभाग को बड़े राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है.
बरेली नगर निगम के महाप्रबंधक जल एके राजपूत के पास मुरादाबाद नगर निगम का भी अतिरिक्त चार्ज है. इससे पहले एके राजपूत मुरादाबाद में वाटर और सीवर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त करने के मामले में ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करा चुके हैं. इसके साथ ही 40 50 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई थी. इसके बाद ही बरेली नगर निगम में यह फैसला लिया गया है.
बरेली नगर निगम का जल कल विभाग वाटर और सीवर लाइनों को क्षतिग्रस्त करने वाले ठेकेदारों द्वारा किए गए नुकसान के आकलन में जुट गया है. ऐसे ठेकेदारों को नोटिस भेजा जाएगा. नुकसान का लेखा-जोखा तैयार कर राशि वसूलने की तैयारी है.
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शहर में काम करने वाले ठेकेदारों को नगर निगम के जल विभाग से अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही वाटर और सीवर लाइन क्षतिग्रस्त करने पर सूचना भी देनी होगी. जिससे तुरंत लाइन को दुरुस्त किया जा सके.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली