Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली में छोटे -छोटे मामलों में विपक्षियों को फंसाने के लिए फर्जी घटनाओं का खेल चल रहा है. मगर, पुलिस की सक्रियता के चलते फर्जी मामलों को लगातार बेनकाब किया जा रहा है. बरेली की सिरौली थाना पुलिस ने हरदासपुर निवासी जयप्रकाश के अपहरण के फर्जी कहानी का राजफास किया है. जयप्रकाश के साथ ही उसके दो भाइयों के खिलाफ एफआइआर लिखकर जेल भेज दिया. इसके साथ ही हाफिजगंज थाना पुलिस ने ससुरालियों को फंसाने के लिए बेटे ने पिता के हाथ में गोली मार दी. पुलिस ने इस मामले में भी खुलासा किया है. इसके बाद पिता – पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
बरेली देहात के सिरौली थाना क्षेत्र के हरदासपुर गांव निवासी जयप्रकाश उसके भाई लेखराज और मौसेरे भाई आंवला थाना क्षेत्र के पुन्नापुर निवासी लेखराज को पुलिस ने बुधवार को अपहरण के एक फर्जी कहानी गढ़ने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिस ने बताया कि जयप्रकाश और उसके परिजनों का अपने ही गांव के रहने वाले वीरेंद्र, अरविंद और जय हिंद आदि से काफी समय से जमीनी विवाद चल रहा था. 15 जुलाई को दोनों पक्षों में जमीनी विवाद हो गया. इसमें जमकर मारपीट हुई. जयप्रकाश के विरोधियों ने घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई.इसके बाद जयप्रकाश ने भी विरोधियों से बदला लेने की ठान ली. उसने खुद के अपहरण के मामले में फंसाने की योजना अपने मौसेरे भाई लेखराज के साथ मिलकर बनाई. इसमें जयप्रकाश का सगा भाई लेखराज भी शामिल हो गया.
18 जुलाई को जयप्रकाश की बीए सेकेंड ईयर की गुलरिया गौरीशंकर डिग्री कॉलेज में एग्जाम था. वह राजनीतिक शास्त्र की परीक्षा देने के लिए जाने वाला था, लेकिन उसने परीक्षा से पहले अपना प्रवेश पत्र जवाहर लाल लोधी डिग्री कॉलेज से लेने का फैसला किया. वह बाइक से अकेला मोटरसाइकिल घर से निकला था, लेकिन फीस जमा न होने के कारण उसको प्रवेश पत्र नहीं मिला. उसने अपने अपहरण की योजना बनाई. वह बाइक लेकर गांव के पास स्थित शनि देव मंदिर के पास पहुंचा. उसने बाइक को वहीं पर खड़ा किया. इसके बाद नोटबुक से एक पत्र लिखा. उसने अपनी शर्ट फाड़ने के बाद ब्लेड से अपना हाथ कुछ जगह ब्लेड से काटा. जिससे खून निकलने पर शर्ट पर निशान आ सके. इसके बाद शर्ट, बाइक और अन्य सामान वहीं छोड़कर दूसरे वाहन से आंवला चला गया. इसके बाद अपने फोन से सगे भाई और मौसेरे भाई को जानकारी दी. वह वाहन से चंदौसी स्टेशन पहुंचा. यहां से मुरादाबाद जाने के बाद हरिद्वार की ट्रेन में बैठ गया.
हरिद्वार में इंडस्ट्रियल एरिया में पहुंचने के बाद उसने उत्तराखंड की डायल 100 को सूचना दी.उसने पुलिस को विरोधियों के अपहरण करने की बात बताई. बोला, वह रानीपुर में है.इसके बाद पुलिस ने 20 जुलाई को जय प्रकाश को रानीपुर हरिद्वार से बरामद कर लिया. उससे सख्ती से पूछताछ की. इसके बाद फर्जी अपहरण की कहानी गढ़ने का खुलासा किया. पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआइआर लिखने के बाद जेल भेज दिया. इसके अलावा ससुरालियों को फंसाने के लिए हाफिजगंज थाने के गजराजपुर निवासी लाल बहादुर ने कुंवरपुर बंजरिया नहर के पास बाइक सवार तिलक राम पटेल, प्रेम सिंह और प्रताप सिंह पर गोली मारने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट लिखाई.
पुलिस ने मामले की जांच के बाद लाल बहादुर से पूछताछ की.इसमें लाल बहादुर ने फर्जी घटना का खुलासा किया. इंस्पेक्टर हाफिजगंज ने बताया कि बेटे कपिल का विवाह इज्जतनगर थाना क्षेत्र के मलपुर रूपापुर गांव में हुआ था. एक वर्ष से कपिल की पत्नी मायके में है. उसने पति समेत ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज करा दिया.ससुरालियों से परेशान होकर ही लाल बहादुर ने बेटे कपिल से अपने हाथ पर गोली चलवाई. इसके बाद फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया. जांच में मामला फर्जी जान पाए जाने के बाद पुलिस ने झूठा केस लिखवाने वाले पिता पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद दोनों को जेल भेजने की तैयारी है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद