Bareilly News: IAS मानवेंद्र सिंह की वापसी, बरेली में बतौर ADM कर चुके हैं काम, अब DM का जिम्मा

वो दो साल से फर्रूखाबाद में डीएम थे. उन्होंने सरकारी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार किया है. पीसीएस से प्रोन्नति प्राप्त 2010 बैच के आईएएस अधिकारी मानवेंद्र सिंह को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने राष्ट्रीय जल पुरुस्कार से भी सम्मानित किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2021 11:09 PM
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Bareilly News: एशिया के नोबेल रेमन मैग्सेसे से सम्मानित आईएएस मानवेंद्र सिंह ने बरेली के डीएम के रूप में घर वापसी की है. इसके पहले मानवेंद्र सिंह एडीएम-ई (एडीएम प्रशासन) का जिम्मा संभाल चुके हैं. अब, बरेली का डीएम बनाया गया है. वो दो साल से फर्रूखाबाद में डीएम थे. उन्होंने सरकारी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार किया है. पीसीएस से प्रोन्नति प्राप्त 2010 बैच के आईएएस अधिकारी मानवेंद्र सिंह को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने राष्ट्रीय जल पुरुस्कार से भी सम्मानित किया है.

मानवेंद्र सिंह को ललितपुर में ओडी नदी को पुनर्जीवित करके जल स्रोतों के पुनरुद्धार पर पुरस्कार मिला था. वो विशेष सचिव स्वास्थ्य, ग्रेटर नोएडा और मथुरा विकास प्राधिकरण के सीईओ, मेरठ में एडीएम सिटी, बरेली और फिरोजाबाद में एडीएम प्रशासन और चित्रकूट धाम में अपर आयुक्त पद पर रह चुके हैं. इसके साथ ही आईएएस मानवेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश प्रमोटी आइएएस यूनियन के अध्यक्ष भी रहे थे.

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पांच बार विधायक रहे हैं पिता

डीएम मानवेंद्र सिंह के पिता गजेंद्र सिंह स्वतंत्रता सेनानी रहे थे. औरैया की एक विधानसभा से पांच बार विधायक भी रह चुके थे. मानवेंद्र सिंह अपने पिता के सबसे छोटे बेटे हैं.

कवि हृदय हैं मानवेंद्र सिंह

आइएएस मानवेंद्र सिंह कवि हृदय हैं. उन्होंने कविताएं भी लिखीं हैं. उनकी कविता आस्तीन के सांप दिखाई नहीं देते महसूस किए जाते हैं, बहुत करीब होने का एहसास भी दिलाते हैं, इनके दंश से मरता नहीं कोई लेकिन, जख्म बहुत गहरे दे जाते हैं बहुत चर्चित है.

जिस स्कूल में पढ़े, उसकी बदली सूरत

आइएएस मानवेंद्र सिंह औरेया जालौन की तहसील विधूना की ग्राम पंचायत तिलकपुर कैथाला के मूल निवासी हैं. कुछ महीने पहले ही अपने जिले के डीएम को पत्र लिखकर गांव के प्राथमिक स्कूल को गोद लेने की इच्छा जताई थी. निजी खर्च से जिस स्कूल में पढ़े थे, उसको कॉन्वेंट स्कूल की तरह बदल दिया है.

(रिपोर्ट:- मुहम्मद साजिद, बरेली)

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