बरेली के निजी अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड, जीभ के ऑपरेशन के बजाय खतना करने का था आरोप, जानें मामला
बरेली के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर बच्चे की जीभ का ऑपरेशन करने के बजाय खतना करने का आरोप था. जिसके चलते हिंदू संगठनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. इस मामले में डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद निजी अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है.
बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर बच्चे की जीभ का ऑपरेशन करने के बजाय खतना करने का आरोप था. जिसके चलते हिंदू संगठनों ने अस्पताल में हंगामा किया था. इस मामले में डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद निजी अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही शासन को जांच रिपोर्ट भेजकर विस्तृत जांच की अनुमति मांगी है. शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के संजय नगर निवासी हरिमोहन यादव ने स्टेडियम रोड के निजी अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाया कि ढाई वर्षीय पुत्र सम्राट ठीक से बोल नहीं पाता था.
अस्पताल में जमकर हंगामा किया
डॉक्टर ने उसके जीभ के ऑपरेशन की बात कही. मगर,शुक्रवार को बच्चे को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था. लेकिन डॉक्टर ने बच्चे की जीभ के ऑपरेशन के बजाय खतना कर दिया. इसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा किया था. हालांकि, अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का कहना था कि बच्चे को मूत्रमार्ग में संक्रमण होने की वजह से ऑपरेशन किया गया. यह बात सीएमओ की जांच टीम के सामने भी आई थी.
डिप्टी सीएम ने दिए थे जांच के निर्देश
यह मामला सुर्खियों में आने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच का आदेश दिया था. सीएमओ ने जांच के लिए कमेटी बनाई. स्वास्थ्य विभाग की कमेटी ने शनिवार और रविवार को जांच की.
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जानें क्यों हुआ लाइसेंस निलंबित
जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने लापरवाही और दूसरे कारणों का जिक्र कर अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया. इसके साथ ही विस्तृत जांच की अनुमति शासन से मांगी गई है.
जांच में क्या मिला
स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने अभिलेखों की जांच की. इसमें बच्चे के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन होने की बात लिखी हुई है. ऑपरेशन के सहमति पत्र पर भी परिजनों के हस्ताक्षर मिले हैं. बच्चे का ऑपरेशन बताकर किया गया था. इसमें डॉक्टर की कोई गलती नहीं है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली