Loading election data...

Bareilly News: कांग्रेस की मैराथन में छात्राओं को भेजने वाले स्कूलों पर केस, DM ने दिए कार्रवाई के आदेश

बरेली के जिलाधिकार के आदेश पर कांग्रेस की मैराथन में छात्राओं को भेजने वाले स्कूलों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2022 8:33 AM

Bareilly News: बरेली में मंगलवार को आयोजित कांग्रेस की ‘मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं’ मैराथन दौड़ में अव्यवस्था के चलते कई लड़कियां चोटिल हो गईं. यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर जांच शुरू होने के साथ ही कोतवाली में जिलाध्यक्ष अशफाक सकलैनी के खिलाफ मुकदमा हो चुका है. मगर, अब मैराथन में छात्र-छात्राओं को भेजने वाले स्कूल- कॉलेज के प्रधानाचार्य और प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. इसके निर्देश डीएम ने बुधवार रात दिए हैं.

संबंधित स्कूलों पर होगी कार्रवाई

डीएम का आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मैराथन में छात्र-छात्राओं को भेजने वाले स्कूल-कॉलेज के प्रबंधक और प्रधानाचार्य की सूची बनाने में लग गए हैं. यह लिस्ट गुरुवार तक आने की उम्मीद है. इसके बाद मैराथन में छात्र-छात्राओं को भेजने वाले स्कूल कॉलेज के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की उम्मीद है.

कांग्रेस ने उठाए से सवाल

कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बाद मैराथन में छात्र-छात्राओं को भेजने वालों पर मुकदमा के फैसले के बाद कांग्रेस के नेता डॉक्टर हरीश कुमार गंगवार ने डीएम बरेली को ट्वीट किया है. उन्होंने बरेली में आयोजित गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो में कोविड-19 के पालन की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा दी गई मैराथन अनुमति की कॉपी भी ट्वीट की है.

Also Read: UP Vidhan Sabha Chunav 2022: वोटर लिस्ट में नहीं है आपका नाम? घबराएं नहीं, करें यह काम
सिटी मजिस्ट्रेट ने सौपी जांच

बरेली के सिटी मजिस्ट्रेट राजीव कुमार पांडे ने छात्राओं के चोटिल होने के मामले की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. इसमें धारा-144 के बाद भी अत्यधिक भीड़ जुटाने और कोविड-19 पालन न करने के लिए आयोजक जिलाध्यक्ष को दोषी ठहराया गया है.

Also Read: UP Chunav 2022: भगवान श्रीकृष्ण को लेकर अब अनुप्रिया पटेल ने दिया बड़ा बयान, कांग्रेस को लेकर कही ये बात
पुरुस्कार वितरण में भी हंगामा

मैराथन के प्रतिभागियों को बुधवार को कांग्रेस कार्यालय पर पुरुस्कार के लिए बुलाया गया था. यहां भी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों की भीड़ जुट गई, जिनके नाम नहीं थे. वह भी पहुंच गए. मगर, सूची में नाम न होने पर प्रतिभागियों ने हंगामा किया. काफी मुश्किल से प्रतिभागियों को शांत किया गया. बाद में नाम लिखकर एक-दो दिन में पुरुस्कार देने का भरोसा दिलाया है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

Next Article

Exit mobile version