लॉकडाउन का असर : गांवों में बैरिकेटिंग कर बाहरी को प्रवेश से रोका, बाहर निकलने पर भी लगायी रोक
कोरोना को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. बुधवार को जहां प्रशासन की सख्ती के कारण सभी घरों में ही रहे. वहीं नामकुम प्रखंड के कई गांवों को ग्रामीणों ने स्वत: लॉक डाउन कर दिया. ग्रामीणों ने गांव की सीमा को सील कर दिया है और गांव में 15 अप्रैल तक बाहर से आनेवालों व बाहर जाने पर रोक लगा दी है.
रांची : कोरोना को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. बुधवार को जहां प्रशासन की सख्ती के कारण सभी घरों में ही रहे. वहीं नामकुम प्रखंड के कई गांवों को ग्रामीणों ने स्वत: लॉक डाउन कर दिया. ग्रामीणों ने गांव की सीमा को सील कर दिया है और गांव में 15 अप्रैल तक बाहर से आनेवालों व बाहर जाने पर रोक लगा दी है. पुलिस अनावश्यक तौर पर बाहर निकले लोगों को वापस घरों में भेज रही है. जबकि प्रशासन ने नामकुम से होकर गुजरने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी है.
मेसरा के लोग भी आगे आये : मेसरा में बुधवार को ग्रामीणों ने लॉकडाउन लागू करने का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया. इस क्रम में खटंगा, केदल व मेसरा की सड़क पर बांस का बैरियर व सूचनात्मक बैनर लगा कर बंद कर दिया. इसमें लिखा था, बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश नहीं होगा. इस क्रम में मेसरा के नयाटोली में ग्रामीणों की बीआइटी इंजीनियरिंग कॉलेज से आनेवाले लोगों से बकझक भी हो गयी. ग्रामीणों के समझाने के बाद लोग माने.
बेड़ो के गांवों में लगाया बैरियर : बेड़ो प्रखंड के केनाभिठा, डुमरी, गडरी, नेहलू, रोगो, जहानाबाज, पागलमेडी खत्रीखटंगा सहित कई गांव में लोगों को कोरोना से बचाने के लिए ग्रामवासियों ने लॉक डाउन किया. ग्रामीणों ने सड़क पर बैरियर व पोस्टर लगा कर गांव से बाहर के लोगों को प्रवेश पर रोक लगा दी. उनका कहना है कि लोगों को कोरोना से बचने के लिए गांव में प्रवेश पर रोक लगायी है. इधर बुढ़मू प्रखंड के भांट बोड़ेया के ग्रामीणों ने प्रवेश द्वार के सामने बैरियर लगा कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया. इसके अलावा पतराटोली (कांके) में में कोई बाहरी प्रवेश न करे इसके लिए ग्रामीणों ने गांव बैरिकेटिंग कर दी है.
अनगड़ा के दर्जन भर गांवों की सीमा सील
अनगड़ा प्रखंड के ग्रामीण भी प्रशासन के साथ कदम मिला कर चल रहे हैं. बुधवार को मासू, चिलदाग, बेरवाड़ी, लुपुंग, हाहे, रूपड़ू, तिरलाकोचा सहित एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने गांवों की सीमाओं को सील कर दिया. ग्रामीण न तो किसी को गांव में घुसने दे रहे हैं और न ही किसी को निकलने दे रहे हैं. रूपड़ू के राजेश महतो ने कहा कि वायरस किसी भी रूप में गांव में घुस सकता था, जिसके लिए गांव की सीमा को बंद करना पड़ा. चिलदाग के रामनाथ महतो ने बताया कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य को खतरे से बचाने के लिए सीमा सील किया गया है.
इधर क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है. इनका जीवन-यापन दिहाड़ी मजदूरी से होता था. भाजपा नेता जैलेंद्र कुमार ने सरकार से जरूरतमंद लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया है. वहीं सुदूर गांवों में ग्रामीण इस समय खाली नहीं बैठ रहे हैं, वे सुबह होते ही अपने खेतों में जाकर पसीना बहा रहे हैं. बीडीओ उत्तम प्रसाद व थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी लगातार क्षेत्र की गश्ती में है.