धनबाद : धनबाद कोर्ट में शुक्रवार को उस समय अप्रिय स्थिति पैदा हो गयी, जब गवाह के रूप में उपस्थित एक हवलदार ने जिरह के दौरान सवाल पूछ रहे अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार करते हुए देख लेने की धमकी दे दी. इसको लेकर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीराम शर्मा से मिल कर कार्रवाई की मांग की. सूचना पाकर पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी भी कोर्ट परिसर पहुंच गये.
क्या है मामला
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राकेश रोशन की अदालत में शुक्रवार को कोयला चोरी मामले (जीआर केस नंबर 1264/ 23) में हवलदार विजय शर्मा की गवाही हो रही थी. श्री शर्मा वर्तमान में बरवाअड्डा थाना में पदस्थापित हैं. जानकारी के अनुसार, गवाही के दौरान अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता विकास कुमार भुवानिया हवलदार विजय शर्मा का प्रति परीक्षण (किसी साक्षी की विश्वसनीयता की जांच करना) कर रहे थे. इसी दौरान लगातार सवाल पूछे जाने से विजय शर्मा अपना आपा खो बैठे और अधिवक्ता श्री भुवानिया के साथ उलझ गये. अधिवक्ता को अपशब्द कहते हुए देख लेने की धमकी दी.
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भरी अदालत में गवाह विजय शर्मा ने अधिवक्ता विकास को कहा-‘बाहर निकलअ कुल वकालत भुला देब.’ यह देख न्यायाधीश ने श्री शर्मा को अदालत परिसर से बाहर निकलने का आदेश दिया. अधिवक्ता श्री भुवानिया ने इसकी शिकायत तत्काल जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीराम शर्मा से की. जानकारी मिलने पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने घटना का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की. धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय एवं महासचिव जितेंद्र कुमार सिंह तथा अन्य अधिवक्ताओं ने पीडीजे से मुलाकात की. कहा कि भरी अदालत में अधिवक्ता को धमकी देने वाले हवलदार को तत्काल निलंबित किया जाये.
सूचना पाकर पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी भी फौरन अदालत पहुंच गये. पहले पुलिस की ओर से मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गयी. बाद में पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी व हवलदार विजय शर्मा ने अधिवक्ताओं से माफी मांगी, पर अधिवक्ता कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे.
घटना के बाद पीड़ित अधिवक्ता विकास कुमार ने एसएसपी एचपी जनार्दनन से फोन पर बातचीत कर अपनी शिकायत दर्ज करायी. एसएसपी ने कहा कि लिखकर दें. इसके बाद श्री कुमार ने एसएसपी को आवेदन देकर घटना से अवगत कराया. आवेदन पर कई अधिवक्ताओं ने भी हस्ताक्षर किया है. कॉपी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उपायुक्त, लोक अभियोजक, न्यायिक दंडाधिकारी को भी दी गयी है.
विभिन्न माध्यमों से मामला संज्ञान में आया है. अधिवक्ता की शिकायत मिलने पर जांच करायी जायेगी. दोषी पाये जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
एचपी जनार्दनन, एसएसपी