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Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी के साथ ब्रज में रंगों के त्योहार होली का आगमन, जानें सरस्वती पूजा के शुभ मुहूर्त का अंतिम समय कितने बजे तक, देखें आरती, वंदना व अन्य डिटेल

Basant Panchami 2021, Saraswati Puja 2021, LIVE, Aarti, Vandana, Vasant Panchami, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Samagri List, Bhog, Prasad, Importance, History: आज बसंत पंचमी का पर्व है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. आज से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी के दिन यानि आज विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं. इस बार बसंत पंचमी पर दो शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है. पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है. सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. आइए जानते है पूजा विधि, आरती, सरस्वती वंदना और इस दिन का महत्व...

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2021 11:27 AM

मुख्य बातें

Basant Panchami 2021, Saraswati Puja 2021, LIVE, Aarti, Vandana, Vasant Panchami, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Samagri List, Bhog, Prasad, Importance, History: आज बसंत पंचमी का पर्व है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. आज से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी के दिन यानि आज विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं. इस बार बसंत पंचमी पर दो शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है. पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है. सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. आइए जानते है पूजा विधि, आरती, सरस्वती वंदना और इस दिन का महत्व…

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कैसे करें सरस्वती पूजा, जानें 16 स्टेप में

  • ध्यान

पूजा की शुरुआत माता सरस्वती के ध्यान के साथ करें. सबसे पहले से मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करते समय मंत्र का जाप करते रहें.

Ya Kundendu-Tushara-Hara-Dhavala,

Ya Shubhra-Vastravrita,

Ya Vina-Vara-Danda-Mandita-Kara,

Ya Shveta-Padmasana॥

Ya Brahmachyuta-Shankara-Prabhritibhir

Devaih Sada Vandita,

Sa Mam Patu Saraswati Bhagawati

Nihshesha-Jadyapaha॥

  • माता के विभिन्न स्वरूपों का अह्वाना करें

भगवती सरस्वती के ध्यान के बाद इनके विभिन्न स्वरूपों का अह्वाना करें. दोनों हथेलियों को जोड़कर और दोनों अंगूठों को अंदर की ओर मोड़कर प्रतिमा के समक्ष मंत्र का उच्चारण करें.

Hari Om। Sahastrashirsha Purusha Sahastrakshah Sahastrapat।

Sa Bhumim Savvetaspprttvattyatishtha Ddashangulam॥

Agachchha Saraswatidevi Sthane Chatra Sthirobhava।

Yavatpujam Karishyami Tavattvam Sannidhau Bhava॥

Om Bhagawati Shri Saraswatyai Avahayami Sthapayami॥

  • आसन पर पुष्प से जल अपर्ण करें

माता सरस्वती के आह्वान के बाद, दोनों हाथों को मिलाकर और उन्हें मंत्र के उच्चारण करते हुए माता सरस्वती को आसन दें और हाथ में लिए पूष्प और जल को मां के समक्ष छोड़ दें.

Ramyam Sushobhana Divyam Sarva Saukhyakaram Shubham।

Asanam Cha Mayadattam Grihana Parameshwari॥

Om Idasanam Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • मां सरस्वती के चरणों को धोएं

माता सरस्वती को फूलों अर्पित करने के बाद मंत्र जाप करते हुए पैर उनके चरणों में जल अर्पित करें और अच्छे से धोएं

Gangodakam Nirmalam Cha Sarvasaugandha Samyutam।

Pada Prakshalanarthaya Dattam Te Pratigrihyatam॥

Om Padayoh Padyam Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • पंचामृत स्नान

माता सरस्वती को पंचामृत स्नान कराएं

Payo Dadhi Ghritam Chaiva Madhu Cha Sharkarayutam।

Panchamritam Mayanitam Snanartham Pratigrihyatam॥

Om Panchamritena Snapayami

Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • शुद्ध जल से स्नान कराएं

पंचामृत स्नानम के बाद मंत्र जपते हुए शुद्ध जल से माता सरस्वती को स्नान कराएं.

Jnanamurte Bhadrakali Divyamurte Sureshwari।

Shuddha Snanam Grihanedam Narayani Namoastu Te॥

Om Panchamritena Pashchachchhuddhodakena Snapayami

Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • वस्त्र अर्पित करें

शुद्ध जल से स्नान कराने के बाद, मंत्र का उच्चारण करते हुए माता सरस्वती को नए वस्त्र के रूप में मौली अर्पित करें.

Tantusantanasamyuktam Kala Kaushala Kalpitam।

Sarvangabharanam Shreshtha Vasanam Paridhiyatam॥

Om Vastram Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • सौभाग्य द्रव्य अर्पित करें

वस्त्र के बाद मंत्र का जाप करते हुए मां को सौभाग्‍य का प्रतिक हल्दी, कुमकुम, सिंदूर आदि अर्पित करें.

Tambulapatram Mayaanitam Haridra Kumkumanjanam।

Sinduralakchakam Dasve Saubhagyadravyamishwari॥

  • माला अर्पित करें

अब सरस्वती मंत्र का जाप करते हुए मां को आभूषण या माला अर्पित करें.

Ratnakankanakechura Kanchi Kundala Nupuram।

Muktaharam Kiritancha Grihanabharanani Me॥

Om Alankarana Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • धुप, दिपक, नैवेद्य से आरती उतारें

माला चढ़ाने के बाद, मंत्र का जाप करते हुए माता सरस्वती को धुप, दिपक या बत्ती से आरती उतारें.

Vanaspatirasod‌bhuto Gandhadhyo Gandha Uttamah।

Aghreyah Narayani Dhupoayam Pratigrihyatam॥

Om Dhupamaghrapayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • पान के पत्ते में कशैली और पैसे चढ़ाएं

धुप, दिपक, नैवेद्य से आरती उतारें के बाद पान के पत्ते में कशैली और पैसे चढ़ाएं.

Hiranyagarbha Garbhastham Hemabijam Vibhavasoh।

Ananta Punya Phaladamatah Shantim Prayachchha Me॥

Om Dakshinam Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • कपूर या घी से आरती या चालिसा का पाठ करें

कपूर या घी का दिपक जलाकर आरती या चालिसा का पाठ करें.

Kadaligarbhasambhutam Karpuram Tu Pradipitam।

Arartikyamaham Kurve Pashya Me Varado Bhava॥

Om Karpurarartikya Samarpayami Bhagawati Shri Saraswatyai Namah॥

  • साष्टाङ्ग प्रणाम करें

अंतिम में हाथ में फूल और अक्षत लेकर घर के कोने-कोने में छीटें फिर मां सरस्वती को साष्टाङ्ग प्रणाम करके प्रसाद का ग्रहण करें.

Namodevyai Mahadevyai Shivayai Satatam Namah।

Namah Prakrityai Bhadrayai Niyatah Pranatah Smatam॥

Tamagnivarnam Tapasajvalantim Vairochanim Karmaphaleshu Jushtam।

Durgam Devim Sharanamaham Prapadye Sutarasi Tarase Namah॥

Devi Vachamanajanayanta Devastam Vishvarupah Pashvo Vadanti।

Sa No Mandreshamurjam Duhana Dhenurvagasmanupa Sushtutaitu॥

Kalaratrim Brahmastutam Vaishnavim Skandamataram।

Saraswatimaditim Dakshaduhitaram Namamah Pavanam Shivam॥

देश में कहां-कहां है मां सरस्वती का मंदिर

श्री शरदम्बा मंदिर, श्रृंगेरी, कर्नाटक

दक्षिणा मूकाम्बिका मंदिर, एर्नाकुलम, केरल

वारंगल सरस्वती मंदिर, मेदक, तेलंगाना

ज्ञान सरस्वती मंदिर, बसर, तेलंगाना

श्री सरस्वतीक्षेत्रम, अनंतसागर, तेलंगाना

मां सरस्वती दोहा

  • जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।

    बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥

  • पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।

    रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥

  • माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप।

    डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥

  • बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु।

    अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥

ब्रज में आज से रंग का त्योहार होली का आगमन

ब्रज में आज से रंग और उमंग का त्योहार होली का आगमन हो गया है. ब्रज में होलिका दहन और धुलेड़ी रंगों वाली होली पचास दिनों तक मनायी जाएगी.

देखें मां सरस्वती के 108 नाम

आरती मां सरस्वती जी की..

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥

जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥

जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥

जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥

जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥

जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥

जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

बसंत पंचमी पर नील सरस्वती की पूजा का महत्व

ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के अलावा नील सरस्वती की पूजा भी आज की जानी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती की ज्ञान और कला में निपुणता का वर देने के लिए जानी जाती हैं तो वहीं, नील सरस्वती की पूजा करने से धन-धान्य, सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. साथ ही साथ शत्रुओं का भी नाश होता है.

सरस्वती वन्दना

  • या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

    या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

    या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

    सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥

  • शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।

    वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥

    हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌।

    वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

जानें Basant Panchami 2021 पर नील सरस्वती की पूजा करने का महत्व, देखें क्या होता है लाभ, क्या है पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र

Ma Saraswati Mantra

  • वद वद वाग्वादिनी स्वाहा॥

  • ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः॥

  • ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः॥

  • ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी

    वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा॥

  • या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

  • ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि।

    तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

Saraswati Gayatri Mantra

ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि।

तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

Shri Saraswati Puranokta Mantra

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(Ya Devi Sarvabhuteshu Vidyarupena Samsthita।

Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah)

बसंत पंचमी पर पवित्र गंगा में श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी

आज देशभर में श्रद्धालु बसंत पंचमी के अवसर पर पवित्र गंगा में डुबकी लगाते दिखें. तसवीरों में देखें वाराणसी का नजारा...

वसन्त पंचमी में अबूझ मुहूर्त

ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो वसन्त पंचमी के दिन सभी शुभ कार्य शुरू करने के लिए अच्छा मुहूर्त होता है. वसन्त पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त पड़ता है जिसमें कोई भी व्यक्ति मांगलिक कार्यों की शुरुआत कर सकता है.

Basant Panchami 2021: आज सुबह 06:59 से दोपहर 12:35 तक सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि, मंत्र, वंदना व महत्व

Basant Panchami 2021 पर मां सरस्वती को अर्पित करें ये पांच तरह के भोग

  • मूंग दाल की खिचड़ी

  • चावल की खीर

  • राज भोग

  • बूंदी या लड्डू

  • मिक्स सब्जियां

वसन्त पंचमी और सरस्वती पूजा का महत्व

वसन्त पंचमी का दिन विद्या आरम्भ के लिये शुभ माना गया है. यही कारण है कि माता-पिता आज अपने शिशु को माता सरस्वती के आशीर्वाद के साथ विद्या आरम्भ कराते हैं. जीवन में पहली बार उन्हें कॉपी, पेंसिल दी जाती है. वहीं, सभी विद्यालयों में भी आज का दिन खास तौर पर बितता है. माता सरस्वती की पूजा की जाती है, भोग बांटे जाते है. वैसे अब इसका प्रचलन लगभग झारखंड, बिहार और बंगाल के घर में देखने को मिलता है.

सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त

  • बसंत पंचमी तिथि: 16 फरवरी 2021

  • पंचमी तिथि आरंभ मुहूर्त: 16 फरवरी 2021 की सुबह 03.36 से 17 फरवरी 2021 की दोपहर 05.46 मिनट तक

  • सरस्वती पूजा शुभ मुहुर्त: 16 फरवरी 2021 को सुबह 06:59 से दोपहर 12:35 मिनट तक

मां सरस्वती की पूजा करने की विधि

  • स्नान कर पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें.

  • इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.

  • मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें

  • फिर रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.

  • मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.

  • केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा.

  • हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें.

  • शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.

Basant Panchami 2021 पर मां सरस्वती को अर्पित करें ये पांच तरह के भोग, जानें आज कौन सा चढ़ेगा भोग, किन सामग्रियों की पड़ेगी जरूरत

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