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BBMKU ने राज्यपाल के साथ जेपीएससी, जेएसएससी, बीपीएससी, बीएसएससी को पत्र लिखकर आइटी एक्ट की दी जानकारी

नेशनल एकेडमिक डिपॉजिट्री (एनएडी) द्वारा संचालित डिजिलॉकर पर अपलोड प्रमाण पत्र की मान्यता उतनी ही है, जितनी विवि द्वारा जारी मूल प्रमाण पत्र की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2023 12:15 AM

नेशनल एकेडमिक डिपॉजिट्री (एनएडी) द्वारा संचालित डिजिलॉकर पर अपलोड प्रमाण पत्र की मान्यता उतनी ही है, जितनी विवि द्वारा जारी मूल प्रमाण पत्र की. इसे नहीं मानना आइटी एक्ट 9ए का उल्लंघन होगा. यह जानकारी बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पवन कुमार पोद्दार ने दी. उन्होंने बताया कि हाल में झारखंड में जेएसएससी और बिहार में बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में बीबीएमकेयू से बीएड करने वाले अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र सिर्फ इसलिए खारिज किया जा रहा है, क्योंकि अभ्यर्थियों ने डिजिलॉकर से डाउनलोड प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया.

विवि ने लिखा है पत्र

बीबीएमकेयू के कुलपति ने बताया कि इस मामले को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के साथ जेपीएससी और जेएसएससी और बिहार में बीपीएससी और बीएसएससी को पत्र लिखकर डिजिलॉकर से डाउनलोड प्रमाणपत्र को भी मान्यता देने का आग्रह किया गया है.

नया बोनाफाइड प्रमाणपत्र जारी भी किया जा रहा

छात्रों की परेशानी को देखते हुए बीबीएमकेयू के परीक्षा विभाग द्वारा नया बोनाफाइड प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है. इसमें इस बात का उल्लेख होगा कि विवि द्वारा डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया प्रमाणपत्र प्रमाणित है. बोनाफाइड प्रमाणपत्र में इस बात का भी उल्लेख होगा कि छात्रों का उनका मूल प्रमाणपत्र मार्च 2024 में होने वाले दीक्षांत समारोह में प्रदान किया जायेगा.

क्या है मामला

जेएसएससी और बीपीएससी की हुई शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में बीबीएमकेयू से 2020 के बाद बीएड करने वाले कई छात्र सफल हुए हैं. इनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है. इसमें बीबीएमकेयू से 2020 के बाद बीएड करने वाले कई छात्रों के बीएड के प्रमाणपत्रों को इस आधार पर खारिज कर दिया गया, क्योंकि वह डिजिलॉकर से डाउनलोड था. अपनी इस परेशानी से लेकर पिछले एक सप्ताह से छात्र लगातार विवि की चक्कर लगा रहे हैं. इसको लेकर प्रभात खबर द्वारा 23 दिसंबर की अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी थी.

आजसू छात्र संघ ने डीएसडब्ल्यू का किया घेराव

इस मामले में आजसू छात्र संघ ने विवि में डीएसडब्ल्यू डॉ पुष्पा कुमारी और रजिस्ट्रार डॉ कौशल कुमार का मंगलवार को घेराव किया. संगठन के विवि अध्यक्ष विशाल महतो के नेतृत्व में बीएड छात्रों ने विवि अधिकारियों को अपनी परेशानी से अवगत करवाया. छात्रों के मांग पर डीएसडब्ल्यू डॉ पुष्पा कुमारी ने परीक्षा नियंत्रक को विवि द्वारा जारी बोनाफाइड सर्टिफिकेट में आइटी एक्ट 9ए का उल्लेख करने के लिए कहा. मौके पर मुखिया विकास कुमार, दिनेश दास, विक्की कुमार, विवेक महतो, राहुल कुमार समेत बीएड के कई छात्र मौजूद थे.

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