BCCL के इतिहास में पहली बार एक तारीख को हुआ वेतन का भुगतान, 35 हजार कोलकर्मियों ने बनायी बायोमीट्रिक उपस्थिति
बीसीसीएल कंपनी के इतिहास में पहली बार एक तारीख को वेतन का भुगतान किया गया. इसके साथ ही एक अगस्त से संपूर्ण बीसीसीएल में बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई.
एक अगस्त से संपूर्ण बीसीसीएल में बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी गयी. मंगलवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन, सेंट्रल अस्पताल, एचआरडी व सीसीडब्लूओ के साथ-साथ कंपनी के सभी 12 एरिया व इकाइयों में एक साथ 35000 से अधिक कार्मिकों ने बायोमीट्रिक से अपनी उपस्थित बनायी. साथ ही महीने के पहले दिन पूरे बीसीसीएल में सभी कर्मियों को एक साथ वेतन का भुगतान किया गया है. बीसीसीएल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब किसी महीने में संपूर्ण कंपनी में एक तारीख को ही वेतन का भुगतान हुआ है. ना सिर्फ कोयला भवन, बल्कि सभी एरिया व इकाइयों में पदस्थापित कार्मिकों के खाते में एक साथ महीने की पहली तारीख को वेतन का भुगतान हुआ है.
…और 265 बायोमीट्रिक डिवाइस की गयी स्थापित
बीसीसीएल में पहले चरण में एक मई से कंपनी मुख्यालय कोयला भवन, बरोरा, ब्लॉक-टू, बस्ताकोला, पीबी, कुसुंडा एरिया आदि में बायोमेट्रिक प्रणाली की शुरुआत की गयी थी. वहीं दूसरे चरण में एक अगस्त से इजे, डब्ल्यूजे, लोदना, सिजुआ, कतरास, गोविंदपुर व सीवी एरिया में बायोमीट्रिक प्रमाणी की शुरुआत की गयी है. जानकारी के मुताबिक बीसीसीएल में अबतक सीसीटीवी कैमरा, यूपीएस और अन्य सहायक उपकरण के साथ 265 बायोमेट्रिक डिवाइस स्थापित किये गये हैं. अब बीसीसीएल कर्मचारियों का उपस्थिति डेटा बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से एकत्र किया जा रहा है जो वेतन तैयारी के लिए ‘सैप’ से जुड़ा हुआ है.
तकनीकी रूप से सुदृढ़ होते बीसीसीएल के लिए यह एक बड़ा कदम : सीएमडी
बीसीसीएल के इस उपलब्धि पर सीएमडी समीरन दत्ता ने कहा कि तकनीकी रूप से सुदृढ़ होते डिजिटल बीसीसीएल की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. यह कंपनी के निरंतर तकनीकी रूप से सुदृढ़ होने से संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि कंपनी की तरक्की में सामान्य मजदूर से लेकर कंपनी के सर्वोच्च अधिकारियों तक सभी का योगदान है. कोयला उत्पादन में लक्ष्य से अधिक उत्पादन करने के साथ-साथ कंपनी अपने कार्मिकों के कल्याण और उनकी सुख-सुविधाओं के प्रति भी समान रूप से संवेदनशील है. जब हमारे कर्मी कंपनी के लिए दिन-रात मेहनत करके इसे ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे है तो ऐसे में उनके वेतन का समय पर भुगतान होना भी बहुत जरूरी है. कहा कि नयी तकनीकी के प्रयोग से जहां धीरे-धीरे परंपरागत हाजिरी खातों के साथ रिकॉर्ड के रख-रखाव की जटिलता से मुक्ति मिलेगी. वहीं दूसरी ओर उपस्थित डाटा के डिजिटल हो जाने से पारदर्शिता भी बढ़ेगी. बायोमीट्रिक प्रणाली से कंपनी इआरपी सॉफ्टेवेयर ‘सैप’ के साथ इंटिग्रेटेड हो जाने से समय पर वेतन के भुगतान के साथ-साथ छुट्टियों आदि के रिकॉर्ड रखने में भी मदद मिलेगी.
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