धनबाद में रैक की अंडरलोडिंग से बीसीसीएल को 57 दिनों में हुआ 9.63 करोड़ का घाटा, जानिए क्या है मुख्य कारण
अंडर लोडिंग से बीसीसीएल को सर्वाधिक नुकसान गोलकडीह 6 नंबर, मुनीडीह वाशरी, जामाडोबा वाशरी, गोलकडीह 9 नंबर व मधुबन वाशरी के साइडिंग से हो रहा है. बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने गंभीरता से लिया है.
धनबाद, मनोहर कुमार : बीसीसीएल को चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) के सिर्फ 57 दिनों में रैक की अंडर लोडिंग से 9.63 करोड़ (9,63,40,763 रुपये ) का नुकसान हुआ है. बीसीसीएल के आंकड़ों पर गौर करें तो रेलवे वैगन में क्षमता के मुताबिक कोयला डिस्पैच नहीं होने से अप्रैल माह में 5.95 करोड़ व मई माह के 27 दिनों में कुल 3.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रतिटन यह नुकसान क्रमश: 24.59 रुपया व 17.48 रुपया है. अंडर लोडिंग से बीसीसीएल को सर्वाधिक नुकसान गोलकडीह 6 नंबर, मुनीडीह वाशरी, जामाडोबा वाशरी, गोलकडीह 9 नंबर व मधुबन वाशरी के साइडिंग से हो रहा है.
बता दें कि अंडर लोडिंग चार्ज से कंपनी को हो रहे नुकसान को बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने गंभीरता से लिया है. साथ ही ‘मिशन अंडर लोडिंग मिनिमाइजेशन’ की शुरूआत की है. सभी एरिया प्रबंधन व सेल्स एंड मार्केटिंग के अधिकारियों को हर हाल में अंडर लोडिंग चार्ज से कंपनी को हो रहे नुकसान अंकुश लगाने की बात कही है.
50.73 रुपया प्रतिटन तक का हो रहा घाटा
बीसीसीएल के आंकड़ों के मुताबिक गोलकडीह-6 नंबर साइडिंग से प्रतिटन “50.73, मुनीडीह वाशरी से “50.28, गोलडीह-9 नंबर से “41.88, जामाडोबा वाशरी से “42.68 रुपया व मधुबन वाशरी की साइडिंग से औसतन प्रतिटन “29.24 का घाटा हुआ है. चालू वित्त वर्ष के अप्रलै माह में कंपनी को औसतन 24.59 रुपया प्रतिटन घाटा हुआ है, जबकि मई माह में औसतन 17.48 रुपया प्रतिटन घाटा हुआ है. पूरा मिलाकर औसत घाटा 21.30 रुपया प्रतिटन है.
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घाटे की मुख्य वजह
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पे- लोडर मशीन में वेटो मीटर का न होना
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निजी कंपनी को जुर्माने की राशि से बचाना
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कॉन्ट्रैक्टर से जुर्माने की राशि की कटौती ना करना
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साइडिंग के संबंधित अधिकारी और पे-लोडर ऑपरेटर की लापरवाही
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साइडिंग में वे-ब्रिज का ना होना
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साइडिंग में कोयले का अभाव