धनबाद SNMMCH में नहीं बढ़ रहा बेड, जवाबदेह भी चुप और मजबूरी में फर्श पर हो रहा मरीजों का इलाज
इमरजेंसी में अचानक मरीजों के पहुंचना शुरू हो गया. इस दौरान रिकवरी रूम फुल हो गया. अस्पताल पहुंचे कई मरीजों का इलाज इमरजेंसी के बरामदे पर स्ट्रेचर पर शुरू हुआ. वहीं जिनको स्ट्रेचर नहीं मिला, उनका इलाज फर्श पर ही शुरू किया गया.
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में बेडों की संख्या बढ़ नहीं रही है. दूसरी तरफ इस समस्या को लेकर जवाबदेह भी चुप्पी साधे हुए हैं. बेड व मैनपावर की संख्या बढ़ाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा कई बार पत्राचार करने के बाद भी कोई हल नहीं निकल रहा है. वहीं अस्पताल में अचानक बेडों की संख्या बढ़ने पर मजबूरी में फर्श पर मरीजों का इलाज चल रहा है. जिले के सबसे बड़े अस्पताल में पिछले चार दिनों से यह स्थिति बनी हुई हैं. मेडिसिन विभाग में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से वार्ड में बेड खाली होने तक मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचने पर मरीजों काे फर्श पर चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जा रही है.
इमरजेंसी के फर्श पर घंटों बेड खाली होने का करना पड़ा इंतजार
गुरुवार की सुबह इमरजेंसी में अचानक मरीजों के पहुंचना शुरू हो गया. इस दौरान रिकवरी रूम फुल हो गया. अस्पताल पहुंचे कई मरीजों का इलाज इमरजेंसी के बरामदे पर स्ट्रेचर पर शुरू हुआ. वहीं जिनको स्ट्रेचर नहीं मिला, उनका इलाज फर्श पर ही शुरू किया गया. धीरे-धीरे अस्पताल के विभिन्न वार्ड में बेड खाली होने पर मरीजों को शिफ्ट किया गया.
रविवार से ही फुल हैं मेडिसिन विभाग के सभी बेड
जिले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गयी है. अस्पताल में कुल बेड की संख्या 570 है. इसमें सबसे अधिक एसएनएमएमसीएच में मेडिसिन विभाग में 210 बेड हैं. सभी रविवार से ही फुल हैं. अन्य मरीजों को बेड खाली होने का इंतजार करना पड़ रहा है. कुछ मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें दूसरे वार्ड में रखा जा रहा है.
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इन लक्षणों वाले मरीज पहुंच रहे हैं
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वायरल फीवर
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सर्दी-खांसी
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बीपी बढ़ने
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दस्त
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उल्टी
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अनिंद्रा
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बेचैनी आदि
बेड के लिए जगह है, लेकिन मैनपावर की है कमी : अधीक्षक
एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने बताया कि अस्पताल परिसर में बेड लगाने के लिए जगह मौजूद है. विशेष परिस्थिति में परिसर में खाली पड़ी बिल्डिंग में बेड लगाया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या मैनपावर की है. बेड की संख्या बढ़ाने पर मैनपावर की जरूरत होगी, जो फिलहाल प्रबंधन के पास नहीं है.