हजारीबाग, आरिफ : उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय जिला हजारीबाग के 200 सरकारी स्कूलों में करीब 2400 बेंच-डेस्क की खरीदारी 30 जून, 2023 तक करनी है. अब नौ दिन ही बचे हैं. अब-तक एक भी स्कूल ने बेंच-डेक्स की खरीदारी नहीं की है. बेंच-डेस्क की खरीदारी कर सभी स्कूल को झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. बुधवार तक एक भी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं हुआ है. सरकार ने मई महीने के शुरुआत में हजारीबाग जिले को 2.50 करोड़ आवंटित किया है. इसमें अब-तक दो करोड़ 19 लाख 55 हजार की राशि कई स्कूलों को भेजी गई है. जरूरत के अनुसार स्कूल को बेंच-डेस्क की खरीदारी करनी है.
बेंच-डेस्क की खरीदारी कर रिपोर्ट मांगा
कक्षा एक से 12वीं तक जिले में लगभग 1800 स्कूल है. कई स्कूलों में बेंच-डेस्क की कमी है. वहीं, कई स्कूलों में जुगाड़ माध्यम से विद्यार्थीयों को बैठाया जा रहा है. इसकी जानकारी मिलने के बाद राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की ओर से शीघ्र बेंच-डेस्क की खरीदारी कर रिपोर्ट मांगा गया है.
सप्लायर और बिचौलियों का जमघट
बेंच-डेस्क की खरीदारी को लेकर डीएसई कार्यालय में सप्लायर एवं बिचौलियों का देर शाम तक जमघट लग रहा है. एक सप्लायर जिले भर का काम (बेंच-डेस्क की सप्लाई) मांगने पर अड़ा है. वहीं, सप्लायरों की संख्या लगभग तीन है. सूत्र बता रहे हैं कि पैसे की हिस्सेदारी में फंसे पेंच को लेकर बेंच-डेस्क की खरीदारी में देरी हो रही है.
एक शिक्षक ने बतायी अपनी पीड़ा
इस मामले में एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया है कि लगभग एक दर्जन बेंच-डेस्क खरीदना है. इसके लिए मई महीने के शुरुआती सप्ताह में मेरे स्कूल को 60 हजार की राशि मिली है. शिक्षक ने बताया कि एक ओर बेंच-डेस्क की खरीदारी कर उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया. वहीं, दूसरी और खुद से बेंच-डेस्क खरीदने नहीं दिया जा रहा है. शिक्षक ने बताया कि मनमानी करने पर शिक्षा अधिकारी परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं.
चिह्नित स्कूलों में समय पर बेंच-डेस्क खरीदने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई : डीईओ
इस संबंध में डीईओ उपेंद्र नारायण ने बताया कि चिह्नित स्कूलों में समय पर बेंच-डेस्क खरीदने के लिए राशि उपलब्ध कराई गई है. 30 जून तक सभी स्कूल प्रबंधन को बेंच-डेस्क खरीदारी का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाले स्कूल प्रबंधन चिह्नित होंगे और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी.