पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में इस बार 125 मुस्लिम बहुल सीटों पर सबकी नजर है. लेफ्ट, कांग्रेस और पीरजादा की पार्टी के गठबंधन से इन सीटों पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार है. ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने किलेबंदी करने में जुट गई है. बताया जा रहा है कि अगर इन 125 सीटों पर इलेक्शन फाइट त्रिकोणीय हुआ तो इसका सीधा नुकसान टीएमसी को होगा.
बंगाल में विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी की उदय ने टीएमसी और लेफ्ट गठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है. अगर 125 मुस्लिम बहुल सीटों पर त्रिकोणीय फाइट हुआ तो बीजेपी को इसका फायदा सीधा मिल सकता है. वहीं इसका नुकसान ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को सबसे अधिक होगा.
30 फीसदी मुस्लिम आबादी- पश्चिम बंगाल में करीब 30% आबादी मुस्लिमों की है, जिनका करीब 125 सीटों पर असर है. इन 125 सीटों में तृणमूल कांग्रेस करीब 90 सीट पिछले चुनाव में जीती हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि अगर पीरजादा और लेफ्ट का गठबंधन सक्सेस रहा तो इसका नुकसान तृणमूल को ही होगी. बताया जा रहा है कि अगर ये गठबंधन राज्य में मजबूती से इलेक्शन फाइट करती है, तो इसका नुकसान ममता बनर्जी की पार्टी को होगी.
इन 12 सीटों पर ओवेसी की पार्टी भी लड़ेगी चुनाव- टीएमसी, बीजेपी और संयुक्त मोर्चा के अलावा बंगाल में मुस्लिम बहुल 12 सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी चुनाव लड़ेगी. बताया जा रहा है कि AIMIM मुर्शिदाबाद जिले के 12 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान करेगी और इन सीटों पर ओवैसी भी चुनाव प्रचार सकते हैं.
Posted By : Avinish kumar mishra