कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए बने कांग्रेस-लेफ्ट एवं फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है.
अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस के गढ़ मालदा और मुर्शिदाबाद में कुछ सीटें मांगी है. कांग्रेस सीटें देने के लिए तैयार नहीं है. इससे फुरफुरा शरीफ के पीरजादा बेहद नाराज हैं. इसकी झलक रविवार (28 फरवरी) को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित संयुक्त रैली में साफ देखी गयी.
अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर चल रही वार्ता को लेकर आगाह किया और उसे जल्द ही किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए कहा. पिछले महीने आइएसएफ का गठन करने वाले मौलवी सिद्दीकी ने वाम मोर्चा का इसके लिए आभार जताया कि उसने गठबंधन के तहत उनकी पार्टी के लिए 30 सीटें छोड़ी हैं.
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अब्बास सिद्दीकी ने अपने समर्थकों से कहा कि वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में वाम दलों की जीत सुनिश्चित करने के लिए आखिर तक प्रयास करें. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के लिए वोट मांगने से परहेज किया.
सिद्दीकी ने कहा, ‘मैं कांग्रेस के बारे में नहीं बोला. मैं यहां (राजनीति में) एक साझेदार होने के लिए हूं, तुष्टिकरण के लिए नहीं. हमें भीख नहीं चाहिए, हमें अधिकार चाहिए. हम सब भारतीय हैं.’ इस दौरान मंच पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी मौजूद थे.
अब्बास सिद्दीकी ने रैली से इतर कहा, ‘हमने अपने स्रोतों से सुना है कि सोनिया गांधी यह महागठबंधन चाहती हैं. लेकिन बंगाल के एक कांग्रेस नेता समस्या उत्पन्न कर रहे हैं. हम कुछ और दिनों तक इंतजार करेंगे और फिर निर्णय करेंगे. हम अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकते.’
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इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ‘किसी सिद्दीकी’ की धमकी के आधार पर निर्णय नहीं लेगी. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘हम इस आधार पर निर्णय नहीं कर सकते कि कोई सिद्दीकी क्या कह रहे हैं. हम वाम दलों के साथ औपचारिक गठबंधन में हैं. पहले हमें पता चले कि हमें वाम से कितनी सीटें मिल रही हैं, फिर हम इसे किसी के साथ साझा कर सकते हैं. हमने अब्दुल मन्नान को आइएसएफ से बात करने और उनकी मांगों को देखने के लिए प्रतिनियुक्त किया है. देखते हैं…’
रैली में मंच पर असहज स्थिति साफ दिख रही थी, क्योंकि अधीर रंजन चौधरी और अब्बास सिद्दीकी एक-दूसरे से बातचीत नहीं कर रहे थे. जब चौधरी रैली को संबोधित कर रहे थे, तब सिद्दीकी मंच पर आ गये. उन्हें देखकर, आइएसएफ समर्थकों ने खुशी जतायी, जिससे कांग्रेस नेता के भाषण में बाधा आयी.
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माकपा ने कहा कि वह गठबंधन साझेदारों के बीच मतभेदों को दूर करने के प्रयास कर रहा है. सूत्रों के अनुसार, आईएसएफ ने किसी समय कांग्रेस का गढ़ रहे मालदा और अधीर चौधरी के गढ़ मुर्शिदाबाद में कुछ सीटें मांगी हैं.
Posted By : Mithilesh Jha