पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की एक ऐसी उम्मीदवार जिसकी हकीकत शायद मौजूदा राजनीति से मेल नहीं खाती है. क्योंकि अगर कोई आपको कहे कि मेरे पास तीन बकरियां तीन गाय हैं, जिनमें से एक गाय माता पिता ने उपहार में दी है. एक मिट्टी का घर है. घर में सप्लाई वाटर की सुविधा नहीं है नल नहीं हैं यहां तक की शौचालय तक नहीं है.
सालतोरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की उम्मीदवार चंदना बाउरी के पास बस इतनी ही संपत्ति है. नकदी के नाम पर 31 रुपये, 985 रुपये नकद और बैंक में जमा हैं . यही वजह है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में बांकुड़ा जिले के सालतोरा सीट की उम्मीदवार चंदना बाउरी सबसे गरीब उम्मीदवारों में से एक हैं.
चंदना बाउरी के पति सरबन दैनिक मजदूर है जो रामिस्त्री का काम करते हैं. इसके बदले उन्हें हर रोज 400 रुपये मिलते हैं. बारिश के दिनों में जब मजदूर नहीं मिलते हैं तब चंदना बाउरी भी पति के साथ काम करती है. पति पत्नी दोनों के पास मनरेगा कार्ड हैं. वह तीन बच्चों की मां भी है.
चंदना बताती है कि कुछ समय पहले तक वो एक शौचालय का सपना देखा करती थी, शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था. पर पिछले साल उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त 60000 रुपये मिले. जिससे उन्होंने दो पक्के कमरे बनवायें.
30 वर्षीय चंदना वरिष्ठ जिला भाजपा सदस्य हैं. इस उम्र में विधायक के तौर पर चुनाव लड़ना चंदना जैसी महिला के लिए बड़ी छलांग है. वह गंगाजलघाटी ब्लॉक के केलई गाँव में हर दिन सुबह 8 बजे कमल के प्रिंट वाली भगवा रंग की साड़ी पहने एक मैटाडोर में चुनाव प्रचार के लिए निकलती है और अक्सर अपने बेटे को साथ ले जाती है.
तृणमूल पर आरोप लगाते हुए चंदना बताती है कि टीएमसी ने कोई विकास का कार्य नहीं किया है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने कल्याणकारी योजनाओं के लिए जो भी पैसे भेजे उसे भी टीएमसी के लोगों ने खा लिया. शौचालय से लेकर घर की योजनाओं तक के लिए लोगों को तृणमूल के लोगों को पैसा देना पड़ता है.
सालतोरा विधानसभा सीट आरक्षित सीट है. टीएमसी उम्मीदवार स्वपन बारुई इस सीट से लगातार दो बार दो बार 10,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता था. इस बार पार्टी ने नए उम्मीदवार संतोष कुमार मंडल को मैदान में उतारा है.
बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाये जाने पर खुश होते हुए चंदना ने कहा “मुझे स्थानीय लोगों से 8 मार्च को अपने नामांकन के बारे में पता चला. उन्होंने टेलीविज़न पर समाचार देखा और कहा कि मैं एक गरीब परिवार से हूं. मुझे नामित करके, भाजपा ने दिखाया है कि एक नेता बनने के लिए वित्तीय स्थिति महत्वपूर्ण नहीं है. ”
टिकट मिलने के बाद अब चंदना जीत हासिल करने के लिए अपने समर्थक और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रचार अभियान में जुट गयी है. अपने क्षेत्र में घूम-घूम कर प्रचार कर रही है.
Posted By: Pawan Singh