Bengal Chunav 2021 : भाजपा ने वोटिंग से 15 दिन पहले केंद्रीय बल की तैनाती की मांग की, मुख्य चुनाव आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
Bengal Chunav 2021, Kolkata News, कोलकाता : चुनाव आयोग की फुल बेंच बंगाल दौरे पर है. गुरुवार (21 जनवरी ) को राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात हो रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने भी चुनाव आयोग की फुल बेंच से भेंट की. इस दौरान भाजपा ने मांग की है कि विधानसभा चुनाव के मतदान के कम से कम 15 दिन पहले से ही केंद्रीय बल की तैनाती हो जाये. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने आयोग की टीम से मिल कर अपनी 34 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन आयोग को सौंपा है.
Bengal Chunav 2021, Kolkata News, कोलकाता : चुनाव आयोग की फुल बेंच बंगाल दौरे पर है. गुरुवार (21 जनवरी ) को राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात हो रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने भी चुनाव आयोग की फुल बेंच से भेंट की. इस दौरान भाजपा ने मांग की है कि विधानसभा चुनाव के मतदान के कम से कम 15 दिन पहले से ही केंद्रीय बल की तैनाती हो जाये. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने आयोग की टीम से मिल कर अपनी 34 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन आयोग को सौंपा है.
भाजपा की मांग है कि केंद्रीय सशस्त्र बल (Central armed force) की तैनाती भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पुलिस पर्यवेक्षकों की देखरेख में ही हो. राज्य पुलिस पर्यवेक्षक तथा अन्य पुलिस पर्यवेक्षक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के वरीय अधिकारियों के साथ मिल कर यह सुनिश्चित करें कि बलों को कुछ इस तरह तैनात किया जाये कि सत्ताधारी दल की मेहमान नवाजी के आकर्षण से वह दूर रहें. केवल केंद्रीय बलों को ही सभी पोलिंग स्टेशनों के 200 मीटर के दायरे के भीतर तैनात किया जाये. राज्य सिविल पुलिस को केवल सहयोगी की भूमिका में रखा जाये. होमगार्ड, सिविल वॉलंटियर या इस तरह के अन्य प्रकारों को चुनावी कार्य में बिल्कुल भी इस्तेमाल न किया जाये.
भाजपा ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में देखा गया है कि पुलिस एवं डीइओ तृणमूल की सहायता करते हुए विपक्षी दलों को सभा, हेलीपैड या अन्य की अनुमति देने में आनाकानी करते हैं. इसलिए जनरल पर्यवेक्षक ही इन मामलों की निजी तौर पर देखरेख करें. भाजपा ने मांग की है कि गत लोकसभा चुनाव की तरह मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के कार्यालय के कामकाज की देखरेख के लिए स्टेट लेवल ऑब्जर्वर की तैनाती की जाये, ताकि चुनाव आयोग के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
डीजी रैंक के स्टेट लेवल पुलिस ऑब्जर्वर जिन्हें आईजी लेवल के 4 ऑब्जर्वर सहयोग करें, वह कानून व्यवस्था के पालन और केंद्रीय बल की नियुक्ति और प्रबंधन की देखरेख करें. पुलिस ऑब्जर्वरों को चुनाव की घोषणा होने के बाद जिलों में तुरंत नियुक्त कर दिया जाये. उन्हें कम से कम 40 दिनों का वक्त दिया जाना चाहिये, ताकि वह जिलों की स्थिति से परिचित हो सके और जोखिम आंकलन करके संवेदनशील इलाकों एवं पोलिंग स्टेशनों को चिह्नित कर सकें. आयोग को सभी पर्यवेक्षकों को विशेष अधिकार देने चाहिए, ताकि वह केवल हालात देखने और रिपोर्टिंग करने तक सीमित न रहें.
भाजपा ने कहा कि पूर्व के चुनावों में अब तक उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अपेक्षित है जिन्होंने चुनावी नियमों या चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना की थी. उनके खिलाफ कार्रवाई न करने से उनलोगों को मदद मिलेगी जो चुनावी नियमों और निर्देशों का उल्लंघन करने की तैयारी कर रहे हैं. भाजपा ने आयोग का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि उन अधिकारियों को चुनाव के बाद बेहतर पोस्टिंग मिली है जिन्हें आयोग ने किसी न किसी मामले में दोषी पाया था. लिहाजा इस स्थिति को बदला जाना चाहिए. आयोग को उन अधिकारियों को चिह्नित करना चाहिए जो चुनाव पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं. उन अधिकारियों को प्रमुख पदों से बगैर विलंब के हटा देना चाहिए.
वेस्ट बंगाल गवर्नमेंट इम्प्लायज यूनियन ने ममता बनर्जी सरकार का समर्थन करने और उन्हें वापस सत्ता में लाने के प्रति प्रतिबद्धता जतायी है. इसलिये उन्हें चुनावी कार्य में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिये. आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों का इस्तेमाल कर सकता है. भाजपा ने मतदाताओं की संख्या में एकाएक हुए इजाफे पर चिंता जतायी है और मतदाता सूची की ऑडिट की मांग की है जिसे आगामी दो हफ्ते में पूरा कर लिया जाये.
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Posted By : Samir Ranjan.