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Bengal Chunav 2021 : गुजरात के चुनावी मॉडल को हथियार बनायेगी भाजपा, विधानसभा चुनाव के लिए ये है बीजेपी का मास्टर प्लान

Bengal Chunav 2021 : कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में वक्त है, लेकिन भाजपा (BJP) पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुकी है. एक रणनीति के तहत वह बंगाल विधानसभा चुनाव (west bengal vidhan sabha chunav 2021) फतह करने में जुटी हुई है. वह गुजरात मॉडल पर बंगाल चुनाव 2021 जीतने की जुगत में है. बंगाल फतह को लेकर हर महीने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP national president JP Nadda) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) बंगाल के दौरे पर आयेंगे. इस दौरान वे सभी जोन के महामंत्री एवं प्रभारियों से मुलाकात करेंगे तथा चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2021 5:05 PM

Bengal Chunav 2021 : कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में वक्त है, लेकिन भाजपा (BJP) पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुकी है. एक रणनीति के तहत वह बंगाल विधानसभा चुनाव (west bengal vidhan sabha chunav 2021) फतह करने में जुटी हुई है. वह गुजरात मॉडल पर बंगाल चुनाव 2021 जीतने की जुगत में है. बंगाल फतह को लेकर हर महीने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP national president JP Nadda) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) बंगाल के दौरे पर आयेंगे. इस दौरान वे सभी जोन के महामंत्री एवं प्रभारियों से मुलाकात करेंगे तथा चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे.

गुजरात के सियासी परिदृश्य पर गौर करें, तो बीजेपी ने सबसे पहले शहरी इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया था. इसकी जिम्मेदारी म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को दी गई थी. इसके लिए बीजेपी ने वर्ष 1985 में कुख्यात अपराधी लतीफ के खिलाफ लोगों की नाराजगी को केंद्र में रखकर कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति को मुद्दा बनाया था. इस प्रयोग में सफल होने के बाद बीजेपी ने इसका राज्य स्तर पर प्रयोग किया.

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गुजरात में पांच जोन को टारगेट किया गया. सौराष्ट्र-कच्छ, अहमदाबाद, उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के लिए अलग-अलग टीमें बनायी गयीं. इतना ही नहीं, वहां के स्थानीय मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया गया. हर जोन तक पहुंचने के लिए स्थानीय नेता को टीम में शामिल किया गया. तहसील स्तर तक संगठन को मजबूत किया गया. इस तरह बीजेपी शहर से गांव तक पहुंची.

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वर्ष 2014 से ही बीजेपी की नजर बंगाल पर है. ये सही है कि बीजेपी को यहां शुरू में विशेष सफलता नहीं मिली, लेकिन संगठन को मजबूत बनाने पर हमेशा जोर देती रही. यही वजह है कि बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ता जा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर थी. इसके बावजूद बंगाल में बीजेपी को दो ही सीटें मिली थीं. इसके बाद भी बीजेपी का फोकस बंगाल पर रहा. यही वजह है कि 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 10.16% वोट मिले. इस दौरान बीजेपी के तीन ही उम्मीदवार चुनाव जीत सके थे. बीजेपी लगातार कोशिश करती रही. इसी कारण 2019 में लोकसभा की 18 सीटें जीतीं. बीजेपी को 2.30 करोड़ वोट मिले थे, जो तृणमूल से सिर्फ 17 लाख ही कम थे.

बंगाल चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने इसे पांच जोन में बांटा है. राढ बंग, नवद्वीप, कोलकाता, मेदिनीपुर और उत्तर बंगाल. बंगालियों के अलावा उत्तर भारतीय, बिहारी, मुस्लिम आबादी और उनके मुद्दों पर बीजेपी ने पूरा ध्यान फोकस किया है. हर जोन की जिम्मेदारी अलग-अलग महामंत्रियों को दी गयी है. गुजरात के प्रदेश भाजपा महामंत्री भीखूभाई दलसाणिया को नवद्वीप जोन में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गयी है. सभी महामंत्रियों को हर सप्ताह अपने काम का प्रेजेंटेशन भी देना है. उन्हें जानकारी देनी है कि वे अपने जोन में क्या कर रहे हैं और कितनी पहुंच बनी. छोटे से लेकर बड़े मुद्दे क्या हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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