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शेख आलम के बयान पर धर्मेंद्र प्रधान का वार, कहा- टीएमसी का असली रंग को उजागर हो गया

टीएमसी नेता शेख आलम के चार पाकिस्तान बनाने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शेख आलम को निशाने पर लिया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शेख आलम की अपमानजनक टिप्पणी फिर से टीएमसी के असली रंगों को उजागर करती है. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण सत्ता में बने रहने के लिए दीदी की रणनीति रही है. लेकिन, इस बार, बंगाल टीएमसी की भारत विरोधी विचारधारा के प्रति निष्ठा को कम नहीं होने देगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2021 2:19 PM
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टीएमसी नेता शेख आलम के चार पाकिस्तान बनाने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शेख आलम को निशाने पर लिया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शेख आलम की अपमानजनक टिप्पणी फिर से टीएमसी के असली रंगों को उजागर करती है. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण सत्ता में बने रहने के लिए दीदी की रणनीति रही है. लेकिन, इस बार, बंगाल टीएमसी की भारत विरोधी विचारधारा के प्रति निष्ठा को कम नहीं होने देगा.

हालांकि टीएमसी नेता शेख आलम ने अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांग ली है. उन्होंने कहा है कि अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, तो मैं माफी मांगना चाहूंगा. शेख आलम के बयान के बाद बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने टीएमसी पर जोरदार हमला वोला था. उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. शेख आलम मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने वाली संपत्ति है. ममता बनर्जी सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी करेंगी.

इससे पहले शेख आलम का बयान वायरल है. वायरल बयान में शेख आलम कह रहे हैं कि हमारी आबादी महज तीस फीसदी है और वो सत्तर फीसदी. अगर वो सत्तर फीसदी के समर्थन से सत्ता में आएंगे तो उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए. भीड़ की तालियों से शेख आलम की बदजुबानी इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने कह दिया कि हमारी मुस्लिम आबादी एक तरफ हो जाए तो हम चार नए पाकिस्‍तान बना सकते हैं. फिर सत्तर फीसदी आबादी के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएगी.


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बंगाल चुनाव में यह कोई पहला मामला नहीं है जब शब्दों की मर्यादा लांघी गयी है. इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मर्यादा की सीमा पार की थी. दिलीप घोष का वीडियो वायरयल हुआ था. टीएमसी के ऑफिशिएल ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर किया गया था. वीडियो में दिलीप घोष मंच पर भाषण के दौरान कह रहे थे ‘दीदी के पैर का प्लास्टर कट गया है. उनके पैर पर बैंडेज बंधा है. दीदी पैर उठाकर सभी को दिखा रही हैं. उनका एक पैर खुला है तो दूसरा ढका हुआ है. दीदी को पैर ही बाहर रखना था तो साड़ी की जगह बरमूडा पहनना चाहिए था. बरमूडा से पैर ठीक से दिखाई देता.’

दिलीप घोष ने शब्दों की सीमा लांघी तो टीएमसी वालों को यह रास नहीं आया. उन्होंने भी दिलीप घोष पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने तो बीजेपी को बंदर तक कह दिया. उन्होंने लिखा ‘बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष पब्लिक मीटिंग में ममता बनर्जी के साड़ी पहनने पर सवाल उठाते हैं. वो सीएम को बरमूडा पहनने की सलाह देते हैं. इन बंदरों को लगता है वो पश्चिम बंगाल जीतने जा रहे हैं.’

Posted By: Pawan Singh

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