Bengal Chunav 2021: ‘चोट’ के बाद ‘चुनाव’ पर भी झटका, आयोग ने नकारा नंदीग्राम पर ममता का आरोप
Bengal Chunav 2021, Election Commission denies allegations of Mamata Banerjee over Nandigram booth protest: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीसरे चरण के वोटिंग से पहले चुनाव आयोग से झटका लगा है. ममता बनर्जी ने दूसरे फेज की वोटिंग के दौरान मतदान में गड़बड़ी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. मुख्यमंत्री का आरोप था की नंदीग्राम में मौजूद सेंट्रल फोर्स के जवानों ने लोगों को वोट डालने नहीं दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने इस आरापों का जवाब दिया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीसरे चरण के वोटिंग से पहले चुनाव आयोग से झटका लगा है. ममता बनर्जी ने दूसरे फेज की वोटिंग के दौरान मतदान में गड़बड़ी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. मुख्यमंत्री का आरोप था की नंदीग्राम में मौजूद सेंट्रल फोर्स के जवानों ने लोगों को वोट डालने नहीं दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने इस आरापों का जवाब दिया है.
ममता बनर्जी को भेजे गये छह पन्नों की रिपोर्ट में आयोग ने नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने के इनकार किया है. आयोग ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज है. इसका जिक्र आयोग ने किया है. ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के बूथ संख्या 7 में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था. ममता के आरोप के जवाब में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चुनाव आयोग ने बूथ पर हुई दिन भर की गतिविधियों की जानकारी दी है.
आयोग ने सुबह पांच बजे के मॉक ड्रिल से लेकर सात बजे वोटिंग शुरू होने और शाम साढ़े छह बजे तक मतदान खत्म होने की पूरी जानकारी अपने चिट्ठी में लिखी है. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में बताया है कि सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बूथ नंबर सात में सबसे पहले मॉक ड्रिल हुआ. उसके बाद वोटिंग हुई.
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चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को यह भी बताया है कि पूरे चुनाव प्रक्रिया के दौरान बूथ नंबर सात पर बीजेपी, टीएमसी, सीपीएम और एक निर्दलीय प्रत्याशी के पोलिंग एजेंट अंदर ही रहे थे. पूरे वोटिंग प्रक्रिया के दौरान सेंट्रल फोर्स का एक भी जवान पोलिंग बूथ के अंदर नहीं घुसा है, या उन जवानों से किसी को वोट देने से रोका है.
इससे पहले पीएम मोदी क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि “क्रिकेट के मैदान पर, अगर कोई खिलाड़ी अंपायर के निर्णयों के बारे में सवाल उठाता रहता है, तो आप मान सकते हैं कि उसके खेल में कोई समस्या हैं. पर जब दीदी 10 साल तक बंगाल में शासन कर रही थीं पर आज उन्हें ही बदनाम कर रहीं हैं. सत्ता में आने में मदद करने के लिए उस वक्त चुनाव आयोग अच्छा था ईवीएम अच्छे थे पर आज वही बुरे लग रहे हैं.
बता दे कि दूसरे चरण के वोटिंग के दिन नंदीग्राम के बोयाल बूथ पर ममता बनर्जी जाकर बैठ गयी थी और आरोप लगाया था कि बीजेपी के गुंडे वहां पर टीएमसी कार्यकर्ताओं को डरा रहे हैं और वोटर्स को वोट देने नहीं दे रहे हैं. इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
गौरलतब है कि इससे पहले जब ममता बनर्जी के पैर में चोट लगी थी तब ममता बनर्जी ने बीजेपी पर अपने ऊपर हमले कराने का आरोप लगाया था और चुनाव आयोग गयी थी पर उस वक्त भी आयोग ने विभिन्न रिपोर्टस के आधार पर ममता के आरोपों को खारिज कर दिया था.
Posted By: Pawan Singh