Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल में कुछ दिनों बाद कमल ही कमल होगा, किसानों के भी चेहरे खिलेंगे

Bengal News: कमल (Lotus) खिलने से सबसे ज्यादा खुश मुस्लिम किसान (Muslim Farmers) होंगे. अगर आप सोच रहे हैं कि हम चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनने और उसके बाद किसानों को पीएम किसान (PM Kisan) योजना से एकमुश्त 18 हजार रुपये मिलने की बात कर रहे हैं, तो आपका अनुमान बिल्कुल गलत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2021 1:09 PM
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में कुछ दिनों बाद कमल ही कमल खिले होंगे. किसानों के चेहरे भी खिलेंगे. उनकी जेब में अच्छी-खासी रकम आयेगी. खासकर हावड़ा और मेदिनीपुर के किसानों के लिए आगामी कुछ सप्ताह बेहद अहम हैं. कमल खिलने से सबसे ज्यादा खुश मुस्लिम किसान होंगे. अगर आप सोच रहे हैं कि हम चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने और उसके बाद किसानों को PM Kisan योजना से एकमुश्त 18 हजार रुपये मिलने की बात कर रहे हैं, तो आपका अनुमान बिल्कुल गलत है.

हम बात कर रहे हैं कमल फूल की. बंगाल के हावड़ा और मेदिनीपुर जिलों में कमल के साथ-साथ अन्य फूलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इस बार हावड़ा के किसानों का कहना है कि फूलों की खेती इस बार अच्छी होने की उम्मीद है. कमल के हरे-हरे पत्ते तालाबों में चारों ओर दिख रहे हैं. तीन सप्ताह बाद इन पत्तों में कमल की कली आयेगी और फिर ये खिलने लगेंगे. जैसे-जैसे कमल की पंखुड़ियां खुलेंगी, कमल खिलेगा, वैसे-वैसे ही किसानों के चेहरे भी खिलने लगेंगे. पानी की सतह पर तैरते कमल की तरह उनके चेहरे पर भी मुस्कान तैरने लगेगी.

किसानों को उम्मीद है कि इस बार कमल की खेती से अच्छा मुनाफा होगा. कमल फूल का पूजा से लेकर सजावट तक में इस्तेमाल होता है. हिंदू हों या मुस्लिम हर धर्म के लोगों के पर्व-त्योहारों में कमल के फूल का इस्तेमाल होता है. दुर्गा पूजा में अष्टमी के दिन मां दुर्गा की कमल के फूल से पूजा की जाती है. किसानों को भी इस बात का एहसास है कि कमल फूल को राजनीति से जोड़कर देखा जा सकता है. हावड़ा के ग्रामीण इलाकों के किसान नहीं चाहते कि इसे राजनीतिक रंग दिया जाये.

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बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे दम-खम के साथ विधानसभा चुनाव 2021 लड़ रही है. उसका चुनाव चिह्न कमल का फूल है. भाजपा का मुकाबला ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से है, जिसके चुनाव का चिह्न जोड़ा फूल है. जोड़ा फूल को उखाड़कर कमल खिलाने में पूरी भारतीय जनता पार्टी तन-मन-धन से जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बंगाल में प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है. तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं और 5 चरणों के चुनाव होने अभी बाकी हैं.

हावड़ा जिला के उलुबेड़िया, बागनान और कुलगछिया जैसे ग्रामीण इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोग बड़े पैमाने पर फूलों की खेती करते हैं. इसके अलावा पूर्वी मेदिनीपुर में भी फूलों की अच्छी-खासी खेती होती है. अलग-अलग तरह के फूलों की खेती होती है. पूर्वी मेदिनीपुर से तो बड़े पैमाने पर फूलों का निर्यात भी होता है. भारत के भी कई राज्यों में यहां के फूल भेजे जाते हैं.

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फूलों की खेती ले जुड़े लोगों का कहना है कि कमल खिलने लगा है. तीन सप्ताह के बाद पूरे इलाके में कमल ही कमल दिखाई देने लगेगा. हावड़ा के जिन क्षेत्रों में कमल की खेती हो रही है, ये वो इलाके हैं, जहां मुस्लिम बहुतायत में हैं. अधिकतर मुस्लिम परिवार फूलों की खेती करते हैं. बगनान के मालारपुर निवासी आलम शेख का कहना है कि कमल के फूल की हर जगह मांग है. सजावट से लेकर पूजा की सामग्री तक में. हर पर्व-त्योहार में कमल के फूल का इस्तेमाल होता है. इससे अच्छी-खासी आमदनी भी हो जाती है.


हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर में होती है फूलों की खेती

पूर्वी भारत में फूलों की खेती के लिए मशहूर हावड़ा और पूर्वी मेदिनीपुर में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. चुनाव के दौरान देखा गया कि इन इलाकों में हिंदू-मुस्लिम वोटों के ध्रवीकरण की खूब कोशिशें हुईं. कई जगह विवाद भी देखा गया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि चुनाव के परिणाम क्या होंगे. वे वर्षों से मिलकर रहते आये हैं. चुनाव हर पांच साल में आते हैं, लेकिन हावड़ा के हिंदू-मुसलमान वर्षों से साथ रह रहे हैं. राजनीति उनके दिलों को नहीं बांट सकती. हमारे सांप्रदायिक सौहार्द्र को कोई नहीं बिगाड़ सकता.

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हावड़ा समेत इन 5 जिलों में 10 अप्रैल को है वोटिंग

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में पांच जिलों की 44 सीटों पर विधानसभा के चुनाव कराये जा रहे हैं. जिन जिलों में चुनाव होने जा रहे हैं उनमें हावड़ा की 9 (डोमजूर, बाली, हावड़ा उत्तर, हावड़ा मध्य, शिवपुर, हावड़ा दक्षिण, संकराईल, पांचला और उलुबेड़िया पूर्व), दक्षिण 24 परगना की 11 (सोनारपुर दक्षिण, भांगड़, कसबा, जादवपुर, सोनारपुर उत्तर, टालीगंज, बेहला पूर्व, बेहला पश्चिम, महेशतला, बजबज और मटियाबुर्ज), हुगली की 10 (उत्तरपाड़ा, श्रीरामपुर, चांपदानी, सिंगूर, चंदननगर, चुंचुड़ा, बालागढ़, पांडुआ, सप्तग्राम और चंडीतला), उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर की 5 (कुमारग्राम, कालचीनी, अलीपुरदुआर, फालाकाटा और मदारीहाट) और कूचबिहार की 9 (मेकलीगंज, माथाभांगा, कूचबिहार उत्तर, कूचबिहार दक्षिण, सीतलकुची, सिताई, दीनहाटा, नटबाड़ी और तूफानगंज) विधानसभा सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान होगा.

Posted By : Mithilesh Jha

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