बता दे कि 10 मार्च को नंदीग्राम विधानसभा सीट के लिए नामांकन करके लौटने के दौरान ममता बनर्जी घायल हो गयी थीं. इसके बाद उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इस मामले में लगातार उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही थी इसके बाद अब जांच का जिम्मा राज्य सरकार ने सीआईडी को सौंप दिया है.
अब तक क्या हुआ
पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी व्हीलचेयर प्रचार कर रहीं हैं. क्योंकि उनके पैर में चोट लगी है. इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गयी हैं, चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने इसे बीजेपी की साजिश बताया था. इसके बाद बीजेपी ने भी चुनाव आयोग का रूख किया था और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी.
Also Read: Bengal Chunav 2021: ममता की चोट से खंभे का कनेक्शन ! पोल दर पोल सबूत तलाश रही फोरेंसिक टीम
ममता बनर्जी के पैर में चोट कैंसे लगी इसकी जांच चल रही है. इस मामले में एक खंभे का भी जिक्र हुआ था. इसके बाद जांच एजेंसी खंभे के एंगल से भी जांच कर रही है. एएनआई के मुताबिक पुलिस और फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की टीम घटना स्थल बिरूलिया बाजार जाकर वहां मौजूद खंभों की जांच कर रही है.
नंदीग्राम के इस इलाके के खंभों पर फॉरेंसिक डिपार्टमेंट का सील चस्पा किया गया है. एएनआई के मुताबिक राज्य की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने इलाके के खंभों की जांच की है और उसमें सील चिपका दिया है.
बता दें कि नंदीग्राम के लिए नामांकन करके लौटने वक्त बिरुलिया बाजार में ममता के पैर में चोट लग गयी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे साजिश करार देते हुए आरोप लगाया था कि विपक्षी पार्टी के चार पांच लोगों ने आकर उन्हें धक्का दिया, जिससे वो घायल हो गयी.
इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. पूरे राज्य में जगह जगह पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. टीएमसी और बीजेपी के नेताओं के बीच खूब बयानबाजी भी हुई थी. फिर दोनों की पार्टी के नेता चुनाव आयोग पहुंचे थे और मामले की जांच की मांग की थी.
इसके बाद चुनाव आयोग ने मामले को लेकर राज्य सरकार और पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट आने के बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक फेर बदल किये थे. पूर्वी मेदिनीपुर के एसपी को हटाया गया था. इसके अलावा डीएम और डीइओ भी बदले गये थे. एस पी के खिलाफ आयोग ने आरोप तय करने के लिए कहा था.
Posted By: Pawan Singh