Bengal Chunav 2021 : अमित शाह के बाद ममता का बोलपुर में शक्ति प्रदर्शन, फिर उठाया बाहरी का मुद्दा

Bengal Chunav 2021, Bengal news, Koklata news, कोलकाता/बोलपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, जिसको लेकर हलचल तेज हो गयी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार बंगाल में रैली कर रहे हैं, तो वहीं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं. वीरभूम के बोलपुर में केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के रोड शोड के जवाब में मंगलवार (29 दिसंबर, 2020) को सुश्री बनर्जी ने भी बोलपुर के डाक बांग्ला मोड़ से लेकर जामबनी मोड़ तक पदयात्रा कर शक्ति प्रदर्शन किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2020 4:56 PM
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Bengal Chunav 2021, Bengal news, Koklata news, कोलकाता/बोलपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, जिसको लेकर हलचल तेज हो गयी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार बंगाल में रैली कर रहे हैं, तो वहीं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं. वीरभूम के बोलपुर में केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के रोड शोड के जवाब में मंगलवार (29 दिसंबर, 2020) को सुश्री बनर्जी ने भी बोलपुर के डाक बांग्ला मोड़ से लेकर जामबनी मोड़ तक पदयात्रा कर शक्ति प्रदर्शन किया.

पदयात्रा के दौरान सुश्री बनर्जी ने हाथ में एकतारा लेकर लगभग साढ़े चार किलोमीटर तक पदयात्रा की, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी. इधर, पदयात्रा की समाप्ति के बाद जामबनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने भाजपा पर जमकर हमला भी बोला है. साथ ही एक बार फिर बाहरी का मुद्दा उठाया.

उन्होंने भाजपा को बाहरी करार देते हुए आरोप लगाया कि उनके नेता बंगाल के महापुरुषों कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का सम्मान भी नहीं करते हैं. दिल्ली और दूसरे राज्यों से जो नेता बंगाल आते हैं, वे बाहरी हैं. उन्हें पश्चिम बंगाल की संस्कृति की जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता बंगाल में घृणा, संकीर्णता, विद्वेष और विभाजन करने की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि ऐसे बाहरी लोगों को देखते ही पुलिस में शिकायत करें.

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सुश्री बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि शांतिनिकेतन आयेंगे और कविगुरु को प्रणाम भी नहीं करेंगे, तो बंगाल के लोग उन्हें क्या स्वीकार कर पायेंगे? जिन्हें बंगाल और यहां के महापुरुषों के बारे में ही पता नहीं है, जो महात्मा गांधी और कविगुरु का भी सम्मान नहीं करते हैं, वे राज्य को नये सिरे से ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की बातें कहते हैं, जिसकी राज्य के लोगों को कोई जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि गत कुछ दिनों से अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का भी अपमान किया जा रहा है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल ही नहीं, पूरे देश का नाम ऊंचा किया है. विश्वभारती विश्वविद्यालय को लेकर राजनीति चल रही है. वि‍श्वभारती विश्वविद्यालय को लेकर की जाने वाली अपमानजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. तृणमूल सुप्रीमो ने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल की संस्कृति को तोड़ने के लिए साजिश चल रही है.

भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि बंगाल दौरे के दौरान वह फाइव स्टार होटलों से खाना लेकर आते हैं और दिखा रहे हैं कि आदिवासियों पहरेदार हैं. अनुसूचित जाति से जुड़े लोग और आदिवासियों का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है. सुश्री बनर्जी ने 3 नये कृषि कानूनों को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की है.

तृणमूल से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर भी कटाक्ष

अपने संबोधन में सुश्री बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लालच देकर तृणमूल के कुछ नेताओं को खरीदा है, लेकिन यह देखने की जरूरत है कि भाजपा में ऐसे लोग शामिल हुए हैं, जिनकी जरूरत पार्टी में नहीं थी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के लोग भाजपा को असली जवाब देंगे. आपको बता दें कि हाल ही में शुभेंदु अधिकारी, सांसद सुनील मंडल समेत कई नेताओं ने तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये हैं.

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पदयात्रा में वासुदेव दास बाउल भी हुए शामिल

पदयात्रा में वासुदेव दास बाउल शामिल हुए थे. 20 दिसंबर को बोलपुर दौरे के दौरान श्री शाह ने उन्हीं के घर दोपहर का भोजन किया था. इस अवसर पर बाउल ने गीत भी गाया. दूसरी ओर, तृणमूल सुप्रीमो की पदयात्रा के मद्देनजर रास्ते में रवींद्र संगीत बज रहा था और बंगाल की संस्कृति को दिखाने की कोशिश की गयी थी.

Posted By : Samir Ranjan.

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