बंगाल चुनाव का बांग्लादेश से ‘कनेक्शन’, मतुआ समुदाय के आसरे PM मोदी… दो दिवसीय यात्रा का मतलब क्या है?

‍Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का पहला चरण 27 मार्च को है. पहले चरण के दिन ही पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर जाएंगे. दो दिवसीय दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के ओराकांडी स्थित मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा करेंगे. माना जाता है कि मतुआ समुदाय के सहारे बीजेपी बंगाल चुनाव में गुंजाइश तलाश रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2021 2:36 PM

Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का पहला चरण 27 मार्च को है. पहले चरण के दिन ही पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर जाएंगे. दो दिवसीय दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के ओराकांडी स्थित मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा करेंगे. माना जाता है कि मतुआ समुदाय के सहारे बीजेपी बंगाल चुनाव में गुंजाइश तलाश रही है. पीएम नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने अपने देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर शामिल होने का निमंत्रण दिया था. इसके बाद पीएम मोदी 27 मार्च से दो दिनों के दौरे पर पड़ोसी देश बांग्लादेश जाने वाले हैं.

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पीएम मोदी की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा

पीएम नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के कार्यक्रम को देखें तो वो दो दिनों तक वहां रहेंगे. मतुआ समुदाय के मंदिर में जाने के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबर रहमान की जन्म शताब्दी और दोनों देशों के रिश्तों के भी 50 साल पूरे हो रहे हैं. पीएम मोदी की यात्रा कई मायनों में खास है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस इलाके में भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है.

नॉर्थ 24 परगना और नादिया की सीटों पर प्रभाव

बांग्लादेश का ओराकांडी मतुआ समुदाय के गुरु हरिचंद्र ठाकुर और गुरुचंद्र ठाकुर का जन्मस्थान है. इस इलाके में अधिकांश नामशूद्र शामिल हैं. पीएम मोदी मतुआ समुदाय मंदिर में ना सिर्फ पूजा करेंगे, एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे. अगर बंगाल विधानसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो मतुआ समुदाय (हिंदू धर्म को मानने वाले) का नॉर्थ 24 परगना और नादिया जिलों की सात विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है. नॉर्थ 24 परगना जिले के ठाकुरनगर से भी इनका कनेक्शन है.

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मतुआ समुदाय की सबसे बड़ी मांग भी जानिए

मतुआ समुदाय के प्रभाव वाली सीटों पर पांचवें चरण में 17 अप्रैल और सातवें चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग है. माना जाना जाता है कि मतुआ समुदाय को खुश करने वाली पार्टी को चुनावों में मदद मिल सकती है. मतुआ समुदाय के गुरु हरिचंद्र और गुरुचंद्र के वंशज पीआर ठाकुर 1962 में कांग्रेस के मंत्री बने थे. उनकी पत्नी वीणापाणि देवी ने भी ममता बनर्जी का साथ दिया था. भारत में पलायन करके पहुंचे मतुआ समुदाय ने यहां की नागरिकता की मांग भी की है. इस चुनाव में पीएम मोदी ने उन्हें भारतीय नागरिकता देने का भरोसा भी दिया है. वहीं अमित शाह भी कह चुके हैं कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद सीएए लागू कर दिया जाएगा. इससे भी मतुआ समुदाय को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. कुल मिलाकर यह है कि पीएम मोदी बांग्लादेश की पीएम के निमंत्रण पर बांग्लादेश जा रहे हैं. कहीं ना कहीं उनकी यात्रा का बंगाल चुनाव से कनेक्शन भी है.

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