प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई और इसके साथ ही देशभर में कोरोना वायरस के वैक्सिनेशन का दूसरा चरण शुरू हो गया लेकिन इसके साथ ही विवाद भी शुरू हो गया. दअरसल, कोविड 19 वैक्सिन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगायी गयी जिसका विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया और चुनाव से पहले उसे भाजपा का सेल्फ प्रमोशन बताया.
इस विरोध में तृणमूल कांग्रेस भी पीछे नहीं रही है. तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर विरोध जताते हुए कहा कि चुनाव की तारिख घोषित हो चुकी है. प्रधानमंत्री का फोटो कोरोना वैक्सीन दस्तावेज में दिया गया है . तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के समक्ष कड़े तौर पर इस मुद्दे को रखेगा.
Elections declared. PM photo still brazenly appearing on #COVID19 documents. Trinamool @AITCofficial taking this up strongly with Election Commission @ECISVEEP https://t.co/Mh3zwP59Wj
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) March 2, 2021
मालूम हो कि कोरोना वैक्सिनेशन के सैकेंड फेज के शुरू होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोरोना टीके की पहली खुराक ली थी. इसके साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से भी टीका लगवाने की अपील की थी. टीका लेने के दौरान पीएम मोदी काफी खुश नजर आये थे और उन्होंने ट्वीट के साथ ही टीका लगवाते हुए अपनी एक तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें वह असमिया गमछा पहने दिख रहे थे और मुस्कुराते हुए टीका लगवा रहे थे. पीएम मोदी को पुडुचेरी की रहने वाली नर्स पी निवेदा ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी थी. निवेदा के साथ केरल की रहने वाली एक अन्य नर्स रोसम्मा अनिल भी इस दौरान वहां मौजूद थी.
Posted By : Babita mali