चुनावी चुस्की: पालकी पर सवार, दक्षिण हावड़ा के JDU कैंडिडेट श्रीकांत घोष चले वोटर्स के द्वार…

Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतरे कई कैंडिडेट्स के प्रचार का तरीका भी अजीबो-गरीब है. कई नेता ऐसे भी हैं जो चुनाव प्रचार के लिए अनोखा तरीका अपना रहे हैं. कोई बैलगाड़ी से वोट मांग रहा है तो किसी ने पालकी को ही चुन लिया है. ऐसा ही नजारा दक्षिण हावड़ा सीट से चुनावी मैदान में उतरे जेडीयू के कैंडिडेट श्रीकांत घोष का है. श्रीकांत घोष के चुनाव प्रचार में ना तो गाड़ियों का काफिला दिखता है और ना ही स्टार प्रचारक. वो खुद को ही स्टार प्रचारक मान रहे हैं और गाड़ी की जगह प्रचार के लिए पालकी को चुना है. उनके अनूठे प्रचार की खूब चर्चा भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2021 3:47 PM

Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतरे कई कैंडिडेट्स के प्रचार का तरीका भी अजीबो-गरीब है. कई नेता ऐसे भी हैं जो चुनाव प्रचार के लिए अनोखा तरीका अपना रहे हैं. कोई बैलगाड़ी से वोट मांग रहा है तो किसी ने पालकी को ही चुन लिया है. ऐसा ही नजारा दक्षिण हावड़ा सीट से चुनावी मैदान में उतरे जेडीयू के कैंडिडेट श्रीकांत घोष का है. श्रीकांत घोष के चुनाव प्रचार में ना तो गाड़ियों का काफिला दिखता है और ना ही स्टार प्रचारक. वो खुद को ही स्टार प्रचारक मान रहे हैं और गाड़ी की जगह प्रचार के लिए पालकी को चुना है. उनके अनूठे प्रचार की खूब चर्चा भी है.

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पालकी पर बैठकर कैंडिडेट कर रहे प्रचार

दक्षिण हावड़ा की सड़कों पर अनूठा नजारा दिख रहा है. ना बाइक, ना मोटरगाड़ी, बल्कि पालकी की सवारी करके जनता से वोट की गुहार है. यह दक्षिण हावड़ा विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है. इस सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार श्रीकांत घोष पालकी पर सवार होकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. श्रीकांत घोष का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. केंद्र के साथ राज्य सरकार भी इस मुद्दे को लेकर चुप है. यही कारण है वो पालकी से प्रचार कर रहे हैं.

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खुद को बताया स्थानीय, बाकी सभी बाहरी

श्रीकांत घोष दक्षिण हावड़ा सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं. यहां से तृणमूल कांग्रेस ने नंदिता चौधरी, बीजेपी ने रंतिदेव सेनगुप्ता और संयुक्त मोर्चा ने सौमित्र अधिकारी को चुनावी मैदान में उतारा है. जेडीयू कैंडिडेट श्रीकांत घोष का आरोप है दक्षिण हावड़ा की जनता पिछले दस सालों से विधायक का इंतजार कर रही है. आज तक यहां पर कोई विकास नहीं हुआ है. इस चुनाव में भी उन्हें छोड़कर सभी दलों के प्रत्याशी बाहरी हैं. इन लोगों का हावड़ा से कोई नाता नहीं है. सिर्फ वो स्थानीय हैं. अगर जनता उन्हें विधायक बनाती है तो निश्चित तौर पर वो अपने क्षेत्र का समुचित विकास करेंगे. (हावड़ा से जे. कुंदन की रिपोर्ट)

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