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विश्वासघाती, गद्दार, मीरजाफर और गोलगप्पा से लेकर टूटे ऑडियो कैसेट तक पहुंचे नेता, टूटी शब्दों की सीमाएं, तार-तार मर्यादाएं

Bengal chunav 2021 Statement of BJP TMC leaders during Election campaign begum : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को होना है. पहले चरण से लेकर चौथे चरण के चुनाव के दौरान सभी दलों के नेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार किया. इस दौरान दोनों ही ओर से दावे और वादे किये गये. बंगाल के विकास के नाम से शुरू हुआ चुनावी अभियान जैसे जैसे परवान चढ़ता गया, भाषण में शब्दों और मर्यादाओं स्तर घटता गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2021 7:40 PM

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को होना है. पहले चरण से लेकर चौथे चरण के चुनाव के दौरान सभी दलों के नेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार किया. इस दौरान दोनों ही ओर से दावे और वादे किये गये. बंगाल के विकास के नाम से शुरू हुआ चुनावी अभियान जैसे जैसे परवान चढ़ता गया, भाषण में शब्दों और मर्यादाओं स्तर घटता गया.

बंगाल चुनाव के लिए तारीखों का एलान फरवरी महीने में हुआ पर इससे पहले दिसंबर 2020 में शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो गये. इसके बाद से शुभेंदु ममता बनर्जी के निशाने पर आ गये. चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी शुभेंदु पर हमले किये और उन्हें मीरजाफर का तमगा दे दिया.

शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद तो जैसे टीएमसी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की होड़ मच गयी. सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कई बड़े चेहरे टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये. इनमें दिनेश त्रिवेदी, स्वपन दासगुप्ता, मिथुन चक्रवर्ती, राजीब बनर्जी, वैशाली डालमिया जैसे कई नाम थे. यह ममता बनर्जी के लिए झटके की तरह था. उन्होंने बीजेपी मे शामिल हुए टीएमसी नेताओं विश्वासघाती करार दे दिया.

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इसके बाद बंगाल में चुनाव प्रचार शुरू हुआ तो बीजेपी के स्टार प्रचारकों का बंगाल में जमावड़ा शुरू हो गया. पीएम मोदी अमित शाद, जेपी नड्डा जैसे नेताओं ने यहां पर रैली की. फिर अभिषेक बनर्जी पर हमला शुरू हुआ. पीएम मोदी, अमित शाह जैसे नेताओं ने बंगाल में तोलाबाजी का जिक्र किया. इसके बाद बीजेपी की रैलियों में तोलाबाज (रंगदार) भाइपो का जिक्र होने लगा.

इसके अलावा कटमनी का जिक्र हुआ. बीजेपी नेताओं ने टीएमसी पर कटमनी का आरोप लगाया. इस बीच पहले चरण का चुनाव भी संपन्न हो गया. हालांकि जैसे ही बीजेपी और टीएमसी ने अपना संकल्प पत्र और घोषणापत्र जारी किया. व्यक्तिगत हमले कम हुए और चुनावी भाषणों में लोक लुभावन शोर ज्यादा सुनाई देने लगे.

इसके बावजूद भाषणों में मर्यादा जाती रही. ममता बनर्जी के भाषणों में गृहमंत्री अमित शाह गुंडा हो गये. बीजेपी के नेता बाहरी गुंडे हो गये. तो पीएम मोदी के दीदी और दीदी कहने का तंज भरा अंदाज भी सामने आया. इसके अलावा पीएम मोदी ने भाइपो सर्विस टैक्स और भाइपो सिंगल विंडो जैसे कई शब्दों से टीएमसी पर निशाना साधा. बीजेपी स्टार प्रचारकों ने टीएमसी के ट्रांसफर माई कमिशन तो टाकामार कंपनी जैसे शब्द गढ़े.

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इस बीच दूसरे चरण का चुनाव भी संपन्न हो गया. तीसरे विधानसभा सीट की 10 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का असर था. तो मुस्लिम वोटर्स के लिए मारामारी शुरू हुई. बंगाल में फुरफुराशरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ममता बनर्जी के निशाने पर आये. ममता बनर्जी ने चंडीतल्ला से रैली को संबोधित करते हुए कहा कि फुरफुरा शरीफ के गद्दार निकला है. इसके अलावा ममता बनर्जी से बंगाल चुनाव में एंट्री कर रहे असदद्दुदीन ओवैसी को ममता बनर्जी ने इशारों इशारों में गद्दार और वोटकटवा भी कह दिया.

वहीं तीसरे चरण के चुनाव के बाद नंदीग्राम में हुई घटना के बाद शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को बेगम कह दिया. शुभेंदु के इस बयान पर उन्हें आयोग ने नोटिस भी जारी किया है. इसके बाद तो चौथे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने तक भी जुबानी जंग में अमित शाह के लिए ममता बनर्जी के जुबानी तीर निकलते रहे. उन्होंने अमित शाह को गोलगप्पा बता दिया. फिर कहा कि अमित शाह की आंख को दंगाई बता दिया. इतना ही नहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ने देश के गृहमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्हें टूटा हुआ ऑडियो कैसेट तक बोल दिया. इस खबर में ममता बनर्जी के एक और बयान का जिक्र नहीं हैं जो उन्होंने पीएम मोदी के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग किया जिसे लिखना सही है

Posted By: Pawan Singh

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