पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी को लगी चोट मामले में चुनाव आयोग ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि नंदीग्राम की घटना एक हादसा थी. यह कोई सुनियोजित हमला नहीं था. चुनाव आयोग का यह फैसला टीएमसी को नागवार गुजर रहा है. टीएमसी का कहना है कि वो चुनाव आयोग के इस बयान से असहमत है कि ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ था.
टीएमसी ने इस मामले में विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस पर्यवेक्षक की जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए फिर से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. हालांकि पार्टी प्रवक्ता सौगत राय ने कहा कि वो चुनाव आयोग के इस फैसले से संतुष्ट हैं कि चुनाव आयोग ने माना है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई थी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है.
इससे पहले चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी प्रकरण में फैसला दिया और कहा था कि बंगाल के मुख्य सचिव की रिपोर्ट और दोनों पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट देखने के बाद, सभी बिंदुओं के जांच से यह पता चलता है कि ममता बनर्जी को लगी चोट का कारण हादसा था. उनपर कोई हमला नहीं हुआ था.
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रिपोर्ट से यह बात सामने आयी कि कई मौकों पर ममता बनर्जी का बयान पहले दिये गये बयान या सच से परे था. सबसे पहले ममता बनर्जी ने खुद पर सियासी हमला बताया, पर रिपोर्ट में इस तरह के किसी भी हमले का कोई संकेत नहीं है. ममता ने घायल होने के बाद ममता ने आरोप लगाया था कि चार पांच लोगों ने उन्हें धक्का मारा था, पर रिपोर्ट में कहा गया है कि गाड़ी के दरवाजे से चोट लगी है.
इस मामले में कार्रवाई करते हुए आयोग ने डायरेक्टर सिक्युरिटी आईपीएस विवेक सहाय को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है साथ ही कहा है कि विवेक सहाय फिलहाल निलंबित रहेंगे. उनके खिलाफ पद में रहते हुए अपने जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पाने के लिए उन पर आरोप तय किये जाये. विवेक सहाय ने डायरेक्टर सिक्युरिटी रहते हुए जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल किये हुए मुख्यमंत्री की सुरक्षा सही तरीके से नहीं की.
Posted By: Pawan Singh