Bengal Chunav 2021, Kolkata News, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार (21 जनवरी, 2021) को चुनाव आयोग की फुल बेंच से मिला. इस दौरान टीएमसी नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) की शिकायत की. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में रहनेवालों को BSF विशेष राजनीतिक दल को वोट देने के लिए डरा-धमका रही है. बता दें कि बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग की फुल बेंच 2 दिवसीय दौरे पर बुधवार को राज्य पहुंची है.
चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त और निर्वाचन आयोग के अन्य अधिकारियों को बताया है कि BSF सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को धमका रही है. अर्द्धसैनिक बल के अधिकारी विभिन्न गांवों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में मत देने के लिए दबाव डाल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले ऐसी स्थिति सही नहीं है और चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए. इसके साथ ही श्री चटर्जी ने सीमावर्ती इलाकों में मतदाता सूची में रोहिंग्या के नाम जोड़े जाने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के आरोपों को भी निराधार बताया है.
इधर, तृणमूल कांग्रेस के लगाये आरोप पर BSF की ओर से प्रतिक्रिया दी गयी है. BSF की ओर से कहा गया कि BSF एक पेशेवर सीमा प्रहरी वाहिनी है, जो शुरू से पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती आयी है. इस बल के जवानों ने अवैध घुसपैठ और तस्करी पर सक्रिय रूप से लगाम लगायी है और तस्करों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने BSF के खिलाफ जो आरोप लगाये हैं, उनका कोई आधार नहीं है. इनका सच्चाई से कोई नाता नहीं है. BSF ‘जीवनपर्यंत कर्तव्य’ के प्रति प्रतिबद्ध है.
Posted By : Samir Ranjan.