Mamata Banerjee April Fool: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में गुरुवार को 4 जिलों की 30 सीटों पर वोटिंग संपन्न हो गई. गुरुवार को एक अप्रैल भी था. एक अप्रैल यानि बंगाल चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग की डेट और अप्रैल फूल भी. बड़ा सवाल यह है कि बंगाल चुनाव के दूसरे फेज में एक अप्रैल को वोटिंग हुई है. क्या ममता बनर्जी अप्रैल फूल बनी हैं? क्या दूसरे फेज की वोटिंग उनके लिए अप्रैल फूल मोमेंट है? चलिए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हैं. हम आपको यह भी बताते हैं आखिर इस सवाल को क्यों पूछा जा रहा है और इसका अप्रैल फूल से कैसा कनेक्शन है.
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नंदीग्राम सीट से कैंडिडेट ममता बनर्जी ने एक अप्रैल की वोटिंग के पहले कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया. वो नंदीग्राम में वोटिंग से तीन दिन पहले ही कैंप कर चुकी थी. कई चुनावी सभाओं में ममता बनर्जी मतदाताओं से कहती सुनी गईं कि अगर वो (बीजेपी वाले) आते हैं तो उनको अप्रैल फूल बनाओ. उनको बर्तन से मारकर भगाना. ममता ने चुनावी सभाओं में पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर आयोग पर भी सवाल उठाए. वोटिंग के दिन वही ममता नंदीग्राम के बोयाल बूथ परिसर में दो घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. उनका आरोप था कि बीजेपी के लोग टीएमसी वालों को वोट नहीं देने दे रहे हैं.
एक तरफ ममता बनर्जी नंदीग्राम में गुरुवार की दोपहर में नजर आईं. उन्होंने घूमकर बूथ का जायजा लिया. वहीं, ममता बनर्जी को चुनौती दे रहे शुभेंदु अधिकारी सुबह में बाइक से बूथ तक पहुंचे. वोट डाला और विक्ट्री की साइन दिखाते मिले. शुभेंदु अधिकारी भी बोयाल बूथ पहुंचे थे और जब मीडिया वालों ने सवाल किया तो शुभेंदु ने साफ किया कि उनसे हार-जीत का सवाल नहीं करें. नंदीग्राम की 80 फीसदी जनता से पूछ लें. उनका जवाब ममता बनर्जी को आज की सच्चाई बताने के लिए काफी है. मतलब आज की सच्चाई यानि एक अप्रैल. बकौल बीजेपी कैंडिडेट शुभेंदु अधिकारी ‘आंटी’ ममता बनर्जी डरकर कुछ भी कर रही हैं. जी हां, गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी ने दीदी को आंटी कहा.
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खास बात यह रही कि पीएम मोदी उलुबेरिया में सभा को संबोधित करने के दौरान ममता बनर्जी से सवाल पूछ रहे थे. वहीं, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की रैली पर सवाल खड़े किए. ममता ने पूछा आयोग को बताना चाहिए किस सूरत में पीएम मोदी की रैली को मंजूरी दी गई है? जबकि, बंगाल में वोटिंग हो रही है. ममता ने दावा किया नंदीग्राम की 90 फीसदी जनता ने फैसला सुना दिया है. दूसरी तरफ ममता बनर्जी बोयाल बूथ पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से गुहार लगाती कैमरे में कैद हो गईं. खैर, नंदीग्राम से एक अप्रैल को जनता ने किसे गिफ्ट दिया है और किसे मायूसी? इसका पता दो मई को चलेगा.