Bengal Chunav 2021: बंगाल चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग गुरुवार को 4 जिले की 30 सीटों पर सुबह 7 बजे शुरू हो गई. मीडिया की नजरों में हॉटसीट नंदीग्राम की लड़ाई को ममता और शुभेंदु की प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा है. पार्टियां दावे-प्रतिदावे कर रहे हैं. इस सबके बीच दूसरे चरण के प्रचार के अंतिम दिन वो सब हुआ, जिसने बाकी बचे छह चरणों में चुनाव प्रचार के रास्ते साफ कर दिए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि बाकी बचे छह चरणों में टीएमसी से लेकर बीजेपी तक हार्ड हिटिंग हिंदुत्व के मुद्दे पर प्रचार करने को तैयार है. इसकी झलक दूसरे चरण के प्रचार के अंतिम दिन दिख भी गई.
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के रंग को देखें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कमी नहीं खल रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आसरे सीएम ममता बनर्जी चुनाव में बेड़ा पार लगाने की कोशिश में जुटी है. तो, चलिए आपको समझाते हैं सारा मामला. नवंबर 2018 में राहुल गांधी पूजा के लिए पुष्कर पहुंचे थे. पूजा के दौरान उन्होंने विजिटर बुक में अपने गोत्र का जिक्र किया था. राहुल गांधी के पुजारी के मुताबिक उनका गोत्र दत्तात्रेय है. उनके बयान के बाद खूब सियासी बवाल मचा था. दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ममता बनर्जी भी अपना गोत्र शांडिल्य बताकर फंस विवादों से घिर गईं.
दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नंदीग्राम सीट से टीएमसी कैंडिडेट ममता बनर्जी ने जिक्र किया था कि उनका गोत्र शांडिल्य है. इसके बावजूद वो अपना गोत्र ‘मां, माटी, मानुष’ बताती हैं. उनके बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए रोहिंग्या और घुसपैठियों के गोत्र के बारे में सवाल पूछा था. एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी ममता बनर्जी के गोत्र को लेकर हमला किया. ओवैसी ने ममता से पूछा कि वो तो जनेऊधारी भी नहीं हैं, उनका क्या होगा?
बंगाल चुनाव के पहले चरण के प्रचार से देखें तो बीजेपी टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के एक तबके के लिए सहानुभूति रखने का आरोप लगा रही है. वहीं, प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने खुद को ब्राह्मण की बेटी कहा. हर चुनावी मंच पर ममता बनर्जी चंडी पाठ और देवी स्तुति करती भी दिखीं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी हिंदू वोटबैंक को झांसा देने के लिए ऐसा कर रही हैं. कहीं ना कहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के एजेंडे को ममता बंगाल में आगे बढ़ाती दिख रही हैं. ममता बनर्जी भी मंदिर-मंदिर घूमती दिखीं. हर चुनावी मंच से ममता देवी स्तुति और चंडी पाठ में बिजी रहीं.
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साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी खुद को जनेऊधारी ब्राह्मण बोलते नहीं थकते थे. राहुल गांधी जनेऊ दिखाने में बिजी थे तो बीजेपी उनका मजाक उड़ाने में. उसी चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ ही वायनाड सीट का रूख किया था. नतीजा सभी को पता है. इस बार ममता बनर्जी भी खुद के सॉफ्ट हिंदुत्व के फॉर्मूले को दिखा रही हैं. इस बार ममता बनर्जी भी भवानीपुर विधानसभा सीट की जगह नंदीग्राम पहुंची हैं. शुभेंदु अधिकारी के नारे ‘हरे कृष्णा हरे-हरे, बीजेपी घरे-घरे’ को मॉडिफाइ करके ‘हरे कृष्णा हरे-हरे, टीएमसी घरे-घरे’ कह रही हैं. अब, बंगाल का फैसला क्या होता है इसका पता 2 मई को चलेगा. लेकिन, बंगाल में धर्म की राजनीति में बीजेपी-टीएमसी में तगड़ा मुकाबला है.