Bengal Chunav, Kolkata news, कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले की घटना की केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है. जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन IPS अधिकारियों के पास थी, उन 3 IPS अधिकारियों को केंद्र सरकार ने डेपुटेशन पर भेजने का निर्देश दिया है. वहीं, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इसे IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति और दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल में सेवारत 3 IPS अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजना सही नहीं है.
केंद्र सरकार ने डायमंड हार्बर पुलिस जिला के पुलिस अधीक्षक (SP) भोलानाथ पांडे को 3 साल, दक्षिण बंगाल के एडीजी राजीव मिश्रा एवं प्रेसीडेंसी रेंज के डीआइजी प्रवीण त्रिपाठी को 5 साल के डेपुटेशन पर प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश दिया है.
जानकारी के अनुसार, भोलानाथ पांडे को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च डेवलपमेंट (BRDP) में पुलिस अधीक्षक, राजीव मिश्रा को इंडो- तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) में आईजी एवं प्रवीण त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल (SSB) में डीआईजी का पदभार सौंपा गया है.
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र देकर पश्चिम बंगाल के 3 IPS अधिकारियों को सेंट्रल डेपुटेशन पर बुलाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि यह तीनों अधिकारियों को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दक्षिण 24 परगना जिले के दौरे के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. इन IPS अधिकारियों में भोलानाथ पांडे, राजेश मिश्रा एवं प्रवीण त्रिपाठी शामिल हैं. इनमें भोलानाथ पांडे, डायमंड हार्बर पुलिस जिला के पुलिस अधीक्षक हैं. राजेश मिश्रा, एडीजी दक्षिण बंगाल एवं प्रवीण त्रिपाठी, प्रेसीडेंसी रेंज के डीआइजी पद पर नियुक्त हैं.
कौन हैं ये अधिकारी
भोलानाथ पांडे, SP, डायमंड हार्बर
राजीव मिश्रा, ADG, दक्षिण बंगाल
प्रवीण त्रिपाठी, DIG, प्रेसीडेंसी रेंज
कहां भेजा गया
भाेलानाथ पांडे, SP, BRDP (3 साल)
राजीव मिश्रा, IG, ITBP (5 साल)
प्रवीण त्रिपाठी, DIG, SSB (5 साल)
गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल कैडर से जुड़े 3 IPS अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए बुलाया गया है. अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय सभी भारतीय सेवा अधिकारियों को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत लिया गया है. आमतौर पर किसी भी भारतीय सेवा अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा देने से पहले राज्य सरकार की सहमति ली जाती है.
राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार इन अधिकारियों को भेजना नहीं चाहती. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जाहिर की थी. राज्य सरकार ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही IPS अधिकारियों की संख्या काफी कम है. ऐसे में अभी 3 अधिकारियों को डेपुटेशन पर भेजना संभव नहीं है. लेकिन, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की आपत्ति के बावजूद इन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश दिया.
Posted By : Samir Ranjan.