पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर बंगाल का दौरा करने से मना किया है. इस पर एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हमें चिट्ठी लिखकर अपने राज्य में आने से मना किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, एनसीपीसीआर से कहा गया है कि तिलजला में बच्ची मर्डर केस की जांच के लिए उनकी टीम को बंगाल आने की कोई जरूरत नहीं है. इस पर प्रियांक कानूनगो ने पूछा है कि आखिर वे लोग (पश्चिम बंगाल की सरकार) क्या छिपाना चाहते हैं? उन्होंने कहा है कि वहां की सरकार कभी भी हमारे बंगाल दौरों से खुश नहीं थी. अब तो उन्होंने हमें रोकना शुरू कर दिया है.
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एनसीपीसीआर चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में बच्चों की स्थिति दयनीय है. बंगाल सरकार के रोकने के बावजूद हम वहां जायेंगे. हम बंगाल जरूर जायेंगे. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बंगाल की राजधानी कोलकाता के तिलजला में एक बच्ची का बोरा में बंद शव मिला था.
एक बच्ची के लापता होने के बाद जब उसके परिजन थाना में शिकायत दर्ज कराने गये, तो पुलिस ने जांच में ढिलाई बरती. बाद में शाम को एक फ्लैट में बोरी में बंद बच्ची का शव बरामद हुआ. उस फ्लैट के मालिक से कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो उसने कहा कि एक तांत्रिक के कहने पर उसने पुत्र की चाह में इस बच्ची की ‘बलि’ दी है, ताकि मां दुर्गा प्रसन्न होकर पुत्र का वरदान देंगी.
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बच्ची का शव बरामद होने के बाद थाना पर लोगों ने जमकर नारेबाजी की. यहां तक कि पत्थरबाजी भी की. दूसरे दिन लोगों ने बुंदेल गेट रोड को जाम कर दिया. यहां से गुजरने वाली रेल लाइन पर भी लोग पहुंच गये और लोकल ट्रेन सेवा को बाधित कर दिया.