हावड़ : कोविड मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गयीं तमाम तैयारियां रोज गलत साबित होते दिख रही हैं. पिछले दिनों बालटिकुड़ी इएसआइ अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद शव बदले जाने व कोविड वार्ड से एक मरीज के लापता होने की घटना सामने आयी थी. यह मामला सुलझा भी नहीं था कि कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत घर पर होने के बाद परिजनों को शववाही गाड़ी के लिए नौ घंटे तक इंतजार करना पड़ा. सुबह से लेकर शाम तक परिजन हेल्पलाइन पर फोन करते रहे, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. अंतत, पुलिस व मीडिया कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद निगम की गाड़ी पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया.
घटना बेंटरा थाना अंतर्गत कालिका चक्रवर्ती लेन इलाके की है. हरिधन भट्टाचार्य (53) करीब एक महीने से बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित थे. हालत में सुधार नहीं होने पर 20 अप्रैल को उनका कोविड टेस्ट कराया गया. कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव थी. घर पर ही उनका इलाज शुरू किया गया. इसी बीच 24 अप्रैल को उनकी तबियत अधिक बिगड़ गयी.
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बताया जा रहा है कि उनका ऑक्सीजन लेवल 80 से नीचे आ गया. उन्हें फौरन स्थानीय एक नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया. वहां ऑक्सीजन मिलने के बाद तबीयत में सुधार हुआ. परिजन रात को उन्हें लेकर घर चले आये. घर पर ऑक्सीजन देने की समुचित व्यवस्था की गयी. रात भर वह ठीक थे, लेकिन रविवार सुबह आठ बजे उनकी मौत हो गयी.
परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग व निगम की ओर से जारी की गयी हेल्पलाइन पर संपर्क साधा और घटना की जानकारी देते हुए शववाही गाड़ी भेजने का अनुरोध किया. दोपहर एक बजे तक गाड़ी नहीं मिलने पर परिजन थाना पहुंचे और पुलिस से मदद मांगी. सूचना मीडियाकर्मियों को भी मिली. दोनों के हस्तक्षेप के बाद शाम करीब पांच बजे निगम ने शववाही गाड़ी भेजी. पीपीई किट पहन कर निगमकर्मियों ने शव को कब्जे में ले लिया. इस संबंध में पूछे जाने पर निगम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बताने से इंकार कर दिये.
Posted By: Aditi Singh