कोलकाता : भारत सरकार ने देश में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए एक मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी है. केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. केंद्र के इस फैसले के मुताबिक भारत सरकार ने एक मई से कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण की रणनीति की घोषणा की. इसके तहत अब 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीका लगवा सकेंगे, पर तीसरे चरण के आरंभ होने से पहले ही महानगर समेत राज्यभर के अधिकतर सरकारी व निजी अस्पतालों में टीका का स्टॉक खत्म हो गया है.
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जिन निजी अस्पतालों में टीकाकरण जारी है, वहां 30 अप्रैल के बाद वैक्सिनेशन पर रोक लग सकती है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक निर्देशिका जारी कर कहा गया है कि 30 अप्रैल के बाद अगर किसी निजी अस्पताल में टीके का डोज बच जाता है, तो इसे स्वास्थ्य विभाग को लौटा देना होगा, हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह साफ कहा गया है कि देश के सरकारी व निजी अस्पतालों में एक मई से टीकाकरण जारी रहेगा. पर कैसे? अब चिकित्सक भी यह सवाल पूछे जा रहे हैं.
महानगर के इन अस्पतालों में नहीं है वैक्सीन – एक मई से 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को टीका लगेगा, पर वैक्सीन के अभाव में सीएमआरआइ, कोठारी मेडिकल, आरएन टैगोर, फोर्टिस जैसे बड़े निजी अस्पतालों में टीकाकरण बंद हो चुका है. टीकाकरण महाअभियान से पहले 30 अप्रैल को राज्य के सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने बैठक बुलायी है. इस बैठक के बाद ही यह साफ हो पायेगा कि 30 अप्रैल के बाद निजी अस्पतालों में टीके लागये जायेंगे या नहीं.
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केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अब निजी अस्पतालों को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से सीधे वैक्सीन खरीदना होगा. इस विषय में वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीडीएफ) के वरिष्ठ सदस्य डॉ कौशिक लाहिड़ी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन सरकार को लौटाना किसी निजी अस्पताल के लिए कठिन कार्य नहीं, पर निजी अस्पताल एक मई से वैक्सिनेशन अभियान नहीं चला सकेंगे, क्योंकि निजी अस्पतालों को उक्त संस्था से सीधे वैक्सीन खरीदना होगा.
इस प्रक्रिया पर चार-पांच महीने का समय लग सकता है. ऐसे में निजी अस्पताल एक मई से टीकाकरण अभियान को कैसे चलायेंगे? सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही टीका लगेगा. इस विषय को लेकर केंद्र सरकार को विचार करना होगा. उन्होंने संगठन की ओर से समस्त देशवासियों को निःशुल्क टीका उपलब्ध कराये जाने की मांग की है.
डब्ल्यूबीडीएफ के संयुक्त सचिव डॉ राजीव पांडे ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज ले चुके लोगों को अब सेकेंड डोज के लिए 30 अप्रैल के बाद सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ सकता है, क्योंकि निजी अस्पताल कम और कैसे वैक्सीन खरीदेंगे, इसकी जानकारी अब तक नहीं दी गयी है. वैक्सीन को खरीदने के साथ निजी अस्पतालों को कोल्डचेन भी तैयार करना पड़ेगा. ऐसे में इन सभी प्रक्रिया को पूरा करने में पांच-छह महीने का समय लग सकता है. इसलिए एक मई से निजी अस्पतालों में टीकाकरण के ठप होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
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पीयरलेस अस्पताल में 30 अप्रैल तक लगेगा टीका – पीयरलेस हॉस्पिटल में कोवैक्सीन एवं कोविशील्ड टीका उपलब्ध है. यहां 30 अप्रैल तक टीका लगाया जायेगा. इसले अलावा आमरी ढाकुरिया में भी मंगलवार को लोगों को टीके लगाये गये.
Posted By: Aditi Singh