पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट मामले में तालाब से एक और व्यक्ति का शव बरामद होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर नौ हो गई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि विस्फोट के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी के मुताबिक, दत्तापुकुर थाना क्षेत्र के नीलगंज के मोशपोल में सोमवार को हालात शांतिपूर्ण थे.
मिली जानकारी के अनुसार तालाब में मिले इस शव का सिर नहीं था. उन्होंने बताया कि सिर समीप ही स्थित एक घर के आंगन में मिला. उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल के पास से कटा हुआ एक हाथ और दो उंगलियां भी मिली हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूरी रात जांच की और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. उन्हें संदेह है कि संभवत: यह व्यक्ति अवैध पटाखा फैक्टरी मालिक का साझेदार है.
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अधिकारी के अनुसार, व्यक्ति पर विस्फोटक अधिनियम 1884 और विस्फोटक नियम 2008 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि विस्फोट के सिलसिले में तीन अन्य लोगों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया गया है. बारासात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरी रात तलाश अभियान जारी रहा. हालांकि, इलाके में बिजली नहीं होने और फैक्टरी में ढेर सारा मलवा बिखरा रहने के कारण तलाश अभियान और जांच में दिक्कत आई. हमने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो फैक्टरी चलाने वाले व्यक्ति का कारोबारी साझेदार है. अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट रविवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ था, जब कई लोग वहां काम कर रहे थे.
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विस्फोट का प्रभाव इतना तेज था कि पास के 50 से अधिक घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और कई इमारतों की छतों पर लोगों के अंग पड़े मिले. अधिकारी के मुताबिक, विस्फोट में अवैध पटाखा फैक्टरी के मालिक और उसके बेटे की भी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अवैध पटाखा फैक्टरी परिसर के बाकी हिस्से को गिराने और क्षेत्र से मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया. बारासात मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती घायलों की स्थिति के बारे में पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि अन्य की स्थिति में सुधार हो रहा है.
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कई स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध पटाखा फैक्टरी के संबंध में पुलिस से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. स्थानीय निवासी रतन हसन अली ने कहा, ‘‘अब जब इतने सारे लोगों की जान चली गई है, तो पुलिस लोगों को गिरफ्तार करके क्या करेगी ? जब हमने उनसे शिकायत की थी, उन्हें तभी आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए थी.
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मई में पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए इसी तरह के विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला में विस्फोट की एक अन्य घटना में तीन लोगों की जान गई थी. विस्फोट के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. भाजपा ने विस्फोट की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने की मांग की है. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा से कहा कि वह ‘‘लोगों की मौत पर राजनीति’’ करना बंद करे.
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बारासात के दत्तपुकुर के नीलगंज मोचपोल में कल हुए विस्फोट को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित मामला दायर किया गया है. जिसमें यह कहा गया है कि राज्य पुलिस जांच प्रक्रिया में पूरी तरह से निष्क्रिय है और इस मामले की जांच सीबीआई और एनआईए को करना चाहिये. मामले की सुनवाई कल सुबह 10:30 बजे चीफ जस्टिस टीएस शिवाग्नम की डिवीजन बेंच में होने की संभावना है. मामले में राज्य पुलिस से जांच का बोझ तत्काल स्थानांतरित करने की भी मांग की गई . यह जनहित याचिका भाजपा और सीपीएम द्वारा दायर की गई थी.
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