कोलकाता , कुंदन झा : पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा की तैयारी बंगाल के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी शुरू हो चुकी है. पूजा आयोजक अलग-अलग थीम बनाकर श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने का भरसक प्रयास करेंगे. दुर्गापूजा में पूजा आयोजक विद्युत सज्जा के जरिये अपने पंडाल को खूबसूरत बनाने के लिए पूरी कोशिश करते हैं और वैद्युतिक सज्जा के लिए पूरे राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हुगली जिले के चंदननगर लाइटिंग की अलग पहचान है. छह दशकों से अधिक चंदननगर लाइटिंग की डिमांड अभी भी बरकरार है. अपने अद्भूत कारीगरी के जरिये चंदननगर के डेकोरेटर्स ने लाइटिंग को एक अलग मुकाम दिया है.
चंदननगर के बाबू पाल इलेक्ट्रिक के मालिक सुप्रीम पाल (बाबू पाल) ने यहां की लाइटिंग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 1960 के दशक से यहां की लाइटिंग प्रसिद्ध होना शुरू हुआ. इसके बाद कारवां बनते गया, हम चलते गये. उन्होंने कहा कि श्रीधर दास चंदननगर लाइटिंग के जनक हैं. उन्होेंने ही इसकी शुरूआत की थी और इसके बाद से ही यहां की लाइटिंग देश-विदेश में मशहूर होते चली गयी. अब यहां की लाइटिंग किसी परिचय की मोहताज नहीं है.
Also Read: मैड्रिड में ममता बनर्जी ने बंगाल फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए ला लीगा से किया समझौता
चंदननगर के एसबी डेकोरेटर के मालिक दिवेंदू विश्वास ने बताया कि चंदननगर लाइटिंग की एक और खासियत है. यहां की लाइटिंग सामाजिक संदेश भी देती है. महज दुर्गापूजा में करीब 60 करोड़ (डेकोरेशन और ब्रिक्री) के आसपास का टर्न ओवर होता है. प्रत्येक साल यहां के डेकोरेटर लाइटिंग के जरिये कुछ अनोखा करके खूब सुर्खियां बटोरते हैं. उन्होंने बताया कि ताज महल, राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना, संसद भवन में हमला सहित कई हादसों को यहां के डेकोरेटर ने जीवंत करके दिखाया है. इस बार चंद्रयान की मांग सबसे अधिक है.
Also Read: मैड्रिड में ला लीगा बॉस से मिलेंगी ममता बनर्जी, सौरभ गांगुली के साथ होंगे अन्य तीन प्रमुख
जानकारी के अनुसार, इस बार पूजा आयोजकों की सबसे अधिक मांग चंद्रयान की है. बताया जा रहा है कि बड़े पूजा आयोजक चंद्रयान बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि समय कम होने के कारण यह थीम डेकोरेटर्स के लिए आसान नहीं है. पूजा आयोजक छह महीने पहले ही अपनी थीम यहां के डेकोरेटर्स को बता देते हैं और उसी समय से काम शुरू कर दिया जाता है. चूंकि चंद्रयान भारत के लिए गौरव की बात है, इसलिए 50 फीसदी पूजा आयोजक चंद्रयान बनाने की मांग कर रहे हैं.
Also Read: केंद्रीय जांच एजेंसियों की दक्षता पर अभिषेक ने उठाया सवाल, ‘अभिषेक फोबिया’ से पीड़ित है भाजपा
चंदननगर में करीब 25 डेकोरेटर्स लाइटिंग के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. दुर्गापूजा के अलावा जगधात्री पूजा, दिवाली, क्रिसमस, नववर्ष, मुंबई का गणेश पूजा, जन्माष्टमी में भी यहां के डेकोरेटर्स को बंगाल के अलावा अन्य राज्यों से आर्डर मिलता है. काम का दबाव साल भर रहने के कारण 10 से 15 कर्मचारी स्थायी तौर पर प्रत्येक डेकोरेटर के पास काम करते हैं. इसके अलावा दुर्गापूजा और जगधात्री पूजा के कुछ दिन पहले कुछ कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर रखा जाता है. ये अस्थायी कर्मचारी नववर्ष तक इनके साथ जुड़े रहते हैं. बताया जाता है कि दुर्गापूजा में सबसे अधिक आर्डर दिल्ली, राजस्थान, बेंगलुरू से मिलता है. मुंबई में होने वाली गणेश पूजा में अधिकतर वैद्युतिक सज्जा का काम करने वाले चंदननगर के होते हैं.