23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

8 सितंबर को विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार के साथ बैठक करेंगे शिक्षा मंत्री, इसरो की टीम ने किया जेयू का दौरा

ब्रात्य बसु उस दिन यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर रजिस्ट्रारों के साथ चर्चा करेंगे. बैठक में विशेष रूप से राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सीवी आनंद बोस द्वारा दिये गये विभिन्न निर्देशों पर विचार-विमर्श किया जायेगा.

पश्चिम बंगाल के राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु आठ सितंबर को राज्य के सभी 31 विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों के साथ बैठक करेंगे. बताया गया है कि बैठक में राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सीवी आनंद बोस द्वारा दिये गये विभिन्न निर्देशों पर चर्चा की जायेगी. उस दिन रजिस्ट्रार शिक्षा मंत्री से अपनी बात कह सकते हैं. अंतरिम कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्य बनाम राज्यपाल का टकराव चरम पर पहुंच गया है. इसी सिलसिले में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को बैठक के लिए बुलाया है. शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा मंत्री आठ सितंबर को दोपहर दो बजे 31 विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार के साथ बैठक करेंगे.

यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर रजिस्ट्रारों के साथ होगी चर्चा

बताया जा रहा है कि ब्रात्य बसु उस दिन यूनिवर्सिटी के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर रजिस्ट्रारों के साथ चर्चा करेंगे. बैठक में विशेष रूप से राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सीवी आनंद बोस द्वारा दिये गये विभिन्न निर्देशों पर विचार-विमर्श किया जायेगा. ध्यान रहे, राजभवन ने हाल ही में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति और प्रबंधन को लेकर एक के बाद एक अधिसूचना जारी की है. उनमें से एक में, राज्यपाल ने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति नहीं है, वहां वह अंतरिम कुलपति के कर्तव्यों का पालन करेंगे. उन्होंने दावा किया कि वह एक आचार्य के तौर पर यह जिम्मेदारी उठा सकते हैं.

Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर किया कटाक्ष कहा, राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए राजभवन के सामने देंगे धरना
शिक्षा मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट जाने की दी थी धमकी

दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी देते हुए कहा है कि राज्यपाल कानून से बाहर चल रहे हैं. इसके बाद राजभवन की ओर से 16 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की गयी. इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल के कामकाज के तौर-तरीकों पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा हम निर्वाचित हैं और आप यानि कि राज्यपाल पारंपरिक रूप से मनोनीत हैं. उनको नियमानुसार काम करना होगा, नहीं तो हमको भी सख्त होना पड़ेगा.

Also Read: व्यवसाय में बंगाल पूरी दुनिया के लिये बनेगा आकर्षण का केन्द्र : ममता बनर्जी
इसरो के प्रतिनिधियों ने जेयू परिसर का किया दौरा

राज्यपाल के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए इसरो के प्रतिनिधियों ने जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया. इस बीच, जादवपुर के मृत छात्र के माता-पिता ने लालबाजार जाकर विनीत गोयल से मुलाकात की. जादवपुर के छात्र की मौत से राज्य में हंगामा मचा हुआ है. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रैगिंग को रोकने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से कई कदम उठाये गये हैं. जादवपुर ही नहीं, राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी सक्रिय हो गयी है. ऐसे में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हाल ही में इसरो के चेयरमैन से बात की थी. उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की थी कि क्या प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कक्षा में रैगिंग को रोकने का कोई तरीका है. उसी के मद्देनजर इसरो के प्रतिनिधि जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंचे थे. उन्होंने जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया और अधिकारियों से बात की.

Also Read: West Bengal Breaking News : जादवपुर यूनिवर्सिटी में सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया आज से हुई शुरू
पूर्व छात्रों को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का निर्देश दे जेयू प्रशासन : हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य ने जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को 24 घंटे के भीतर विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र के तहत छात्रावास खाली करने के लिए कहें. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने प्रथम वर्ष के छात्र के साथ कथित रैगिंग से हुई मौत के मद्देनजर यह निर्देश जारी किया. जांच में पता चला कि पूर्व छात्रों ने उत्तीर्ण होने के कई महीनों बाद भी छात्रावासों पर कब्जा जारी रखा. रैगिंग के पीछे भी इन्हीं छात्रों का हाथ होने की खबर है. छात्रों पर जेयू में आवास संबंधी प्रशासनिक निर्णयों में भी हस्तक्षेप करने का आरोप है. मुख्य न्यायाधीश की नेतृत्व वाली खंडपीठ तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के नेता सुदीप राहा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

विश्वविद्यालय परिसर के भीतर नियमित निगरानी की आवश्यकता : यूजीसी

गौरतलब है कि यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एंटी-रैगिंग सेल की एक टीम के दौरे के ठीक एक दिन बाद आया है. जेयू का दौरा कर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर नियमित निगरानी के अलावा, छात्रावास की भी नियमित निगरानी होनी चाहिए. सोमवार को, यूजीसी टीम ने जेयू के संकाय और प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ एक बैठक की और बैठक में यूजीसी टीम ने कथित तौर पर छात्रों के छात्रावासों में घोर कुप्रबंधन और पर्यवेक्षण की कमी की घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त की. छात्र की मौत के मामले में पुलिस पहले ही 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसमें विश्वविद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्र भी शामिल हैं.

Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में संयोजक और संगठन पर आज होगा फैसला, ममता बनर्जी ने कहा न करें समय बर्बाद
कोर्ट ने जेयू को नियमों के अनुपालन पर हलफनामा दाखिल करने को कहा

वहीं, कलकत्ता हाइकोर्ट ने स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के चलते मौत के मामले में जादवपुर विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह संबंधित नियमों और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उठाये गये कदमों पर हलफनामा दायर करे. प्रतिष्ठित संस्थान में उचित शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करने के उपायों की मांग करनेवाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को इसके नियमों के प्रभाव और इनके कार्यान्वयन के संबंध में अदालत की सहायता करने का भी निर्देश दिया.

Also Read: CM ममता बनर्जी ने अमिताभ बच्चन को बांधी राखी, बताया कौन होगा विपक्ष का पीएम चेहरा
26 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने जादवपुर विश्वविद्यालय को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और कहा कि इसमें रैगिंग रोकने से संबंधित नियमों और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उठाये गये सभी कदमों के बारे में बताया जाये और याचिकाकर्ता द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ लगाये गये आरोपों का भी जवाब दिया जाये. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने खंडपीठ के समक्ष एक पेपरबुक दायर की, जिसमें विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा पारित कानून और प्रस्ताव शामिल थे. यूजीसी को यह भी निर्देश दिया गया कि वह विश्वविद्यालय और इससे संबंधित मामलों पर उसके द्वारा बनाये गये दिशानिर्देशों या विनियमों के बाध्यकारी प्रभाव को रिकॉर्ड में रखे. अदालत ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर को हलफनामों पर विचार करने के बाद फैसला लेगी.

Also Read: बंगाल में निवेश लाने के लिए सितंबर मे स्पेन व दुबई की यात्रा पर जाएंगी सीएम ममता बनर्जी
स्वप्नदीप की मां ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान

जादवपुर विश्वविद्यालय में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की हॉस्टल में मौत होने के मामले में मृत छात्र की मां ने मंगलवार को अलीपुर कोर्ट में अपना -बयान दर्ज कराया. अदालत सूत्रों के मुताबिक अलीपुर कोर्ट के न्यायाधीश के सामने गोपनीय बयान दिया. इधर, मंगलवार शाम को स्वप्नदीप की मां एवं उसके पिता कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार पहुंचे. पहले दोनों ने ज्वायंट सीपी (क्राइम) शंख शुभ्र चक्रवर्ती से मुलाकात की. इसके बाद दोनों ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के साथ मुलाकात की इसके पहले दोनों ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नवान्न में मुलाकात की थी.

Also Read: जादवपुर के बाद एसएसकेएम हॉस्टल में नर्सिंग छात्रा की रहस्यमयी मौत, दरवाजा तोड़कर निकाला गया शव
छात्र संघ के चुनाव को लेकर राज्य सरकार से मांगा हलफनामा

वहीं, मुख्य न्यायाधीश की नेतृत्व वाली खंडपीठ ने सभी शिक्षण संस्थानों में तुरंत छात्र संघ चुनाव कराने की भी बात कही. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने इस संबंध में राज्य सरकार से हलफनामा मांगा है और कहा है कि अगर राज्य सरकार जल्द ही छात्र संघ के चुनाव को लेकर निर्णय नहीं लेती है, तो हाईकोर्ट इस बारे में निर्देश देगा. मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि सभी पहलुओं को देखने के बाद चुनाव कराया जाये.

Also Read: महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध को लेकर विधानसभा में हंगामा, शुभेंदु अधिकारी ने जताई चिंता, ममता का मांगा इस्तीफा
छात्र चुनाव कराने की पहल शुरू करने का हाईकोर्ट का निर्देश

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने छात्र संसद के चुनाव की भी घोषणा की थी. उन्होंने संकेत दिया कि पूजा के बाद छात्र चुनाव हो सकते हैं. इस बारे में हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को तुरंत छात्र चुनाव कराने की पहल शुरू करने के लिए कहा है. अदालत ने राज्य को यह भी निर्देश दिया कि वह हलफनामे के जरिये यह जानकारी दे कि राज्य ने छात्र चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है या नहीं. साथ ही जज ने कहा कि अगर किसी शिक्षण संस्थान में एंटी रैगिंग स्क्वाड नहीं है, तो इसका गठन तुरंत किया जाना चाहिए. जज ने इस मामले में राज्य की भूमिका भी जाननी चाही. गौरतलब है कि छह साल पहले 2017 में राज्य के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में आखिरी बार छात्र परिषद के चुनाव हुए थे.

Also Read: जेयू : छात्र की मौत के 25 दिन बाद यूजीसी की टीम पहुंची जादवपुर यूनिवर्सिटी, जेयू परिसर का दौरा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें