कोलकाता: कोर्ट से स्कूलों को हिदायत है कि स्कूल फीस में 20 प्रतिशत की छूट दें और उन सेवाओं का शुल्क ना लें, जो कोरोना-काल में छात्रों को नहीं दी गयीं. कुछ स्कूलों में छात्रों की पूरी फीस अभी जमा नहीं हुई है. ऐसी शिकायत महानगर के कुछ निजी स्कूलों के प्रिंसिपल कर रहे हैं.
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इस बाबत श्री शिक्षायतन स्कूल की एक अधिकारी ने बताया कि हमारे यहां लगभग 150-200 विद्यार्थियों की फीस अभी नहीं दी गयी है. विद्यार्थियों के अभिभावकों को कई बार सूचित किया गया पर रिस्पॉन्स नहीं आ रहा. ऐसे में स्कूल आर्थिक संकट में पड़ जायेगा, उस पर कई खर्चों का बोझ है. ऐसे में जिन बच्चों की फीस बकाया होगी, उनका रिपोर्ट कार्ड स्कूल प्रबंधन रोकने को बाध्य होगा.
हावड़ा के एक स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि फीस में कटौती की गयी है, इसके बावजूद फीस नहीं जमा हो रही है. छह माह की फीस बकाया है. मार्च के बाद नया वित्त वर्ष व शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में कुछ स्कूलों से नयी सूचना जारी की गयी है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि जिन छात्रों के अभिभावकों ने पूरी फीस नहीं भरी है, उनके रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं किये जायेंगे.
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कई स्कूलों में वार्षिक परीक्षा हो गयी है. अब रिपोर्ट कार्ड देना है. कुछ अन्य स्कूलों में पांच अप्रैल या 12 अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होगा. स्कूल प्रबंधन ने सफाई दी है कि शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों का वेतन देना है, जिसके लिए पर्याप्त धनराशि चाहिए. अभिभावकों को फीस का पूरा भुगतान कर देना चाहिए. इस संबंध में कई विद्यार्थियों के अभिभावकों का कहना है कि कुछ ही स्कूलों से फीस में नाममात्र की रियायत मिली है. स्कूलों में ना बच्चे बुलाये जा रहे हैं, ना बिजली का खर्च है. ऐसे में पूरी फीस मांगने पर अड़े स्कूलों का रवैया समझ से परे है.
Posted By – Aditi Singh