Bengal Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज का चुनाव एक अप्रैल को होना है. गुरुवार को होने वाला चुनाव काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कल हाॅटसीट नंदीग्राम सहित 30 सीटों पर चुनाव होने वाला है. नंदीग्राम में एक तरफ बंगाल सीएम ममता बनर्जी है तो दूसरी तरफ टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी. इस हाईवाॅल्टेज चुनाव यानी दूसरे फेज के चुनाव से पहले ही बंगाल में बीजेपी की जीत के साथ ही बंगाल के नये सीएम के चेहरे को लेकर अटकलें तेज हो गयी है.
दरअसल, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान से अटकलें तेज हो गयी है कि बीजेपी ने बंगाल में सीएम के चेहरे का चुनाव कर लिया है. दरअसल, दिलीप घोष के बयान ने इस ओर इशारा कर दिया है कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की दिशा में सीएम किसे बनायेगी, इसका फैसला कर लिया है. बंगाल में बीजेपी के पक्ष में हवा देखकर दिलीप घोष ने दावा किया है बंगाल में अगली सरकार बीजेपी की बनेगी.
इसके साथ ही दिलीप घोष ने यह भी कहा कि इस स्थिति में जरूरी नहीं है कि कोई नवनिर्वाचित विधायक ही मुख्यमंत्री बनें. मेदिनीपुर से दिलीप घोष ने यह भी दावा किया बीजेपी के पक्ष में पैदा हुई मजबूत लहर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान तक रहेगी. रिजल्ट डे पर बंगाल की जनता का फैसला पता चल जायेगा. वहीं बीजेपी की जीत को लेकर आश्वस्त दिलीप घोष का कहना है पहले चरण की वोटिंग के बाद सिर्फ बीजेपी ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है.
टीएमसी और उनके नेता हताश है. उन्होंने कहा जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, बीजेपी के पक्ष में बनी माहौल और ज्यादा मजबूत होती जायेगी. वहीं टीएसमी कार्यकर्ताओं को अपनी हार का भी एहसास होता चला जायेगा. वहीं उनसे जब पूछा गया इस बार बाबुल सुप्रियो सहित 4 सांसदों को टिकट दिया गया लेकिन उन्हें कैंडिडेट नहीं बनाया गया है. ऐसे में क्या वो मुख्यमंत्री पद के दावेदर बन सकेंगे?
इस सवाल के जवाब में ही उन्होंने कहा इस बारे में फैसला पार्टी ही करेगी. मगर, ये जरूरी नहीं की कोई नवनिर्वाचित विधायक ही बंगाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा. जब ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी थीं तब वह विधायक नहीं थी. दिलीप घोष का यह बयान दो बातों की तरफ इशारा कर रहा है. पहला ये शुभेंदु अधिकारी सिर्फ नंदीग्राम में विधायक बनेंगे और दूसरा ये पार्टी में शामिल पुराने और नये नेताओं को सीएम पद पर आसिन होने का मौका मिलेगा. इस दौड़ में दिलीप घोष भी पीछे नहीं है.
बता दें कि दिलीप घोष ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी. 2014 में वो बीजेपी में शामिल हो गये और बंगाल ईकाई के महासचिव बनें. बाद में वो बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनें. 2016 में उन्होंने विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया. पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर सदर विधानसभा सीट से उन्होंने लगातार 7 बार विधायक रहे कांग्रेस के ज्ञान सिंह सोहनपाल को पराजित किया था.
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Posted by : Babita Mali