Bengal Election 2021: बीजेपी पर लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को दोहराने का प्रेशर, इन 5 जिले की सीट का समीकरण समझिए
west bengal election 2021 BJP will retain the result of Lok Sabha constituency election in 2019 of 5 districts in the first phase : 30 सीटों में से 21 सीटों पर बीजेपी को लीड मिली थी जबकि टीएमसी 9 सीटों पर ही जीत हासिल करने में सफल हो पायी थी. लोकसभा में मिली जीत ने बीजेपी में बंगाल फतेह करने की ऊर्जा का संचार कर दिया था. इसके बाद से ही बीजेपी का मिशन बंगाल 2021 शुरू हो गया था. लोकसभा चुनाव के परिणाम को विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रख पाना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
Bengal Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को होना है. पहले चरण में 5 जिलों यानी पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और झारग्राम की 30 सीटों पर चुनाव होने वाली है. 30 सीटों पर जीत के लिए टीएमसी, बीजेपी और संयुक्त मोर्चा ने एड़ी चोटी का बल लगा दिया है. हालांकि इन 30 सीटों पर 2019 की लोकसभा चुनाव के परिणामों पर गौर करें तो परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं. 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी की लहर साफ तौर पर देखने को मिली थी.
बीजेपी ने टीएमसी का सुपड़ा साफ कर दिया था. 30 सीटों में से 21 सीटों पर बीजेपी को लीड मिली थी जबकि टीएमसी 9 सीटों पर ही जीत हासिल करने में सफल हो पायी थी. लोकसभा में मिली जीत ने बीजेपी में बंगाल फतह करने की ऊर्जा का संचार कर दिया था. इसके बाद से ही बीजेपी का मिशन बंगाल 2021 शुरू हो गया था. लोकसभा चुनाव के परिणाम को विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रख पाना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं बीजेपी के लोकसभा सीटों के परिणाम टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ाने के लिए काफी है. इस बार टीएमसी विधानसभा चुनाव में 2016 का जलवा दिखा पायेगी या 2019 की तरह मात खायेगी यह बड़ा सवाल है.
लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी थी लीड पर
2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुलिया लोकसभा के 7 विधानसभा सीट में से 6 सीट बलरामपुर (100419), बाघमुंडी (100312), जाॅयपुर (88087), पुरुलिया (102749), काशीपुर (91079)और पारा (100056) पर बीजेपी का डंका बजा था. वहीं एक ही सीट मानबाजार (93897) पर टीएमसी अपनी साख बचा पायी थी. वहीं बाकुंड़ा लोकसभा के 5 सीट पर पहले चरण में चुनाव होना है. इन पांच सीटों रघुनाथपुर(109832), सालतोड़ा (89073), छातना (95661), रानीबांध (93956) और रायपुर (83774) पर बीजेपी की बढ़त थी. हालांकि लोकसभा में बांकुड़ा की सभी 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था. वहीं झारग्राम लोकसभा क्षेत्र के 7 सीटों में से 5 सीटों नयाग्राम (84316), गोपीबल्लभपुर(89034), झारग्राम (83812), गड़बेता (91328)और बांदवान (98039) में बीजेपी को ज्यादा वोट मिली थी.
सालबनी (112431)और बीनपुर (76197) विधानसभा सीट पर टीएमसी को बढ़त हासिल हुई थी. वहीं मेदिनीपुर लोकसभा के अंतर्गत पहले चरण में 5 सीटों पर चुनाव होना है. इन 5 सीटों में से 4 सीट एगरा(109509), दांतन (92413), केशियाड़ी (100032) और मेदिनीपुर (110372) विधानसभा सीट पर बीजेपी ने कब्जा किया था. खड़गपुर (89677) में टीएमसी जीत दर्ज कराने में सफल हुई थी. कांथी लोकसभा सीट के 7 में से 6 विधानसभा सीट पर पहले चरण का चुनाव है. इन 6 सीट पटाशपुर (99048), कांथी उत्तर(105033), कांथी दक्षिण (93792), भगवानपुर (117197), खेजुरी (96506) और रामनगर (100084) विधानसभा सीट पर टीएमसी की बढ़त थी.
कांथी लोकसभा सीट कहीं बिगाड़ ना दे समीकरण
कांथी लोकसभा सीट पर 2019 में भी टीएमसी का जलवा दिखा था. यहां की सातों विधानसभा सीटों पर टीएमसी को बढ़त मिली थी और टीएमसी के शिशिर अधिकारी सांसद बने थे. मगर अभी समीकरण बदल गया है. शिशिर अधिकारी ने बीजेपी का झंडा थाम लिया है. शिशिर अधिकारी दिग्गज नेता और नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी के खिलाफ खड़े शुभेंदु अधिकारी के पिता भी है. राजनीतिक जानकारो की माने तो कांथी और तमलुक पर अधिकारी परिवार की अच्छी पकड़ है. कांथी के सांसद को बीजेपी अपने में शामिल कर चुकी है मगर तमलुक के सांसद और शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी अभी भी टीएमसी में ही है. कांथी में अधिकारी परिवार का वर्चस्व विधानसभा में टीएमसी को बैकफुट पर ले जायेगा या टीएमसी फिर से कब्जा जमा पायेगी,ये तो 2 मई को ही सामने आयेगा.
2016 में इन 30 सीटों पर किसका था कब्जा
2016 में विधानसभा चुनाव में 30 में से 27 सीटों पर टीएमसी का कब्जा था. ये सीट पटाशपुर, कांथी उत्तर,भगवानपुर, खेजुरी, कांथी दक्षिण, रामनगर, एगरा, दांतन, नयाग्राम, झारग्राम, गोपीबल्लभपुर, केशियारी, खड़गपुर, गड़बेता, सालबनी, मेदिनीपुर, बीनपुर , बांदवान, बलरामपुर, जाॅयपुर, मानबाजार, काशीपुर, पारा, रघुनाथपुर, सालतोड़ा, रानीबांध और रायपुर हैं. वहीं बाघमुंडी और पुरुलिया पर कांग्रेस का कब्जा था जबकि छातना में आरएसपी जीती थी.
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Posted by : Babita Mali