Bengal Election 2021: सिलीगुड़ी में ‘गुरु और शिष्य’ में दिलचस्प मुकाबला,लेफ्ट के गढ़ में BJP सेंधमारी में होगी सफल?

west bengal election 2021 Interesting contest in Guru and Shishya left candidate ashok bhattacharya and bjp candidate shanakr ghosh in silliguri : उत्तर बंगाल के दार्जीलिंग जिले की सिलीगुड़ी सीट पर इस बार गुरु और शिष्य के बीच बड़ा ही दिलचस्प मुकाबला होने वाला हैं. यहां गुरु है संयुक्त मोर्चा से लेफ्ट के उम्मीदवार और दिग्गज नेता अशोक भट्टाचार्य जबकि उनका दाया हाथ और शिष्य रह चुके बीजेपी कैंडिडेट शंकर घोष.दरअसल, शंकर घोष हाल ही में लेफ्ट का दामन छोड़ बीजेपी का झंडा थामे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2021 6:25 PM
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Bengal Election 2021: उत्तर बंगाल के दार्जीलिंग जिले की सिलीगुड़ी सीट पर इस बार गुरु और शिष्य के बीच बड़ा ही दिलचस्प मुकाबला होने वाला हैं. यहां गुरु है संयुक्त मोर्चा से लेफ्ट के उम्मीदवार और दिग्गज नेता अशोक भट्टाचार्य जबकि उनका दाया हाथ और शिष्य रह चुके बीजेपी कैंडिडेट शंकर घोष.दरअसल, शंकर घोष ने हाल ही में लेफ्ट का दामन छोड़ बीजेपी का झंडा थामा हैं.

शंकर घोष को बीजेपी ने अशोक भट्टाचार्य के खिलाफ खड़ा किया हैं. इस बार मुकाबला गुरु और शिष्य यानी लेफ्ट और बीजेपी के बीच होनी हैं. वहीं टीएमसी ने यहां से जादवपुर के प्रोफेसर ओमप्रकाश मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा हैं. बाहर से कैंडिडेट लाकर खड़ा करने को लेकर यहां की टीएमसी समर्थकों में नाराजगी हैं. अब देखना यह है, लेफ्ट के गढ़ में बीजेपी जीत हासिल करने में सफल होती है या लेफ्ट के अशोक भट्टाचार्य अपने गढ़ को बचा पाते है? इसका पता अब 2 मई को ही चलेगी.

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20 वर्षों में केवल 2011 में अशोक भट्टाचार्य हुए थे टीएमसी से पराजित

उत्तर बंगाल में अशोक भट्टाचार्य को लेफ्ट का स्तंभ माना जाता हैं. अपने 20 साल के राजनीति जीवन में अशोक भट्टाचार्य केवल 2011 में टीएमसी से पराजित हुए थे.दरअसल, उस दौरान बंगाल में परिवर्तन की लहर थी जिसमें लेफ्ट के 35 सालों के शासन का सफाया हो गया था. टीएमसी सत्ता में आयी थी. हालांकि बाद में 2016 में अशोक भट्टाचार्य अपनी साख बचाने में कामयाब हुए थे.

2016 विधानसभा में लेफ्ट के अशोक भट्टाचार्य ने टीएमसी कैंडिडेट और फुटबाॅलर बाईचुंग भुटिया को हराया था. दरअसल, सिलीगुड़ी में लेफ्ट के अशोक भट्टाचार्य ने बाईचुंग भुटिया को 14072 वोटों से हराया था. इस बार अशोक भट्टाचार्य का मुकाबला अपने ही शिष्य शंकर घोष से हैं. शंकर घोष लेफ्ट कैंडिडेट अशोक भट्टाचार्य के हर दांव-पैच से वाकिफ है. जानकारों की मानें तो शंकर घोष को उतारना बीजेपी के लिए मास्टर स्ट्रोक हो सकता हैं. इस बार अशोक भट्टाचार्य के गढ़ में सेंध लगाना शंकर घोष के लिए बड़ी चुनौती हैं.

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2019 के लोकसभा चुनाव में लेफ्ट को लगा था झटका

2019 लोकसभा चुनाव परिणाम पर गौर करें तो उस दौरान टीएमसी और बीजेपी में सीधा मुकाबला था. दार्जीलिंग लोकसभा में बीजेपी के राजू बिष्ट ने जीत हासिल की थी. राजू बिष्ट ने टीएमसी के अमर सिंह को हराया था.राजू बिष्ट को 7,50,067 वोट मिले थे जबकि अमर सिंह को 3,36,624 वोटों से संतुष्ट रहना पड़ा था. इस चुनाव में भी सिलीगुड़ी विधानसभा सीट पर बीजेपी की बढ़त थी.

बीजेपी को सबसे अधिक 1,05,148 वोट मिली थी जबकि लेफ्ट उस दौरान चौथे स्थान पर थी. दूसरे पर टीएमसी और तीसरे पर कांग्रेस थी. इस बार कांग्रेस, लेफ्ट और आइएसएफ ने गठबंधन किया हैं और तीनों संयुक्त मोर्चा बनकर चुनावी मैदान में उतरे हैं. बता दें कि 17 अप्रैल को दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, उत्तर 24 परगना, पूर्वी बर्दवान और नदिया जिले के 45 सीटाें पर पांचवें चरण में चुनाव होनी हैं. 319 कैंडिडेट्स इस बार चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरने वाले हैं. 2 मई रिजल्ट डे को पता चलेगा, जनता ने किसे ताज पहनाया हैं और किसे बाहर का रास्ता दिखाया हैं.

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Posted by : Babita Mali

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