Bengal Election 2021: लाल दुर्ग बोलपुर में इस बार कैसे हैं हालात, क्या है वोट का गणित
लाल दुर्ग पर राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरएसपी प्रार्थी तपन होर को परास्त कर जोड़ा फूल खिलाया था. यहां से आरएसपी प्रार्थी तपन होर चार बार निर्वाचित हो चुके हैं. वर्ष 1991-2006 तक तपन होर ने इस क्षेत्र का नेतृत्व किया.
बोलपुर (मुकेश तिवारी) : दक्षिण बंगाल के बीरभूम जिला का बोलपुर विधानसभा क्षेत्र कभी वामपंथियों का गढ़ था. इसे लाल दुर्ग कहा जाता था. वर्ष 2011 में परिवर्तन की ऐसी लहर चली कि लाल दुर्ग पर जोड़ा फूल ने कब्जा कर लिया. यह सीट तृणमूल कांग्रेस की झोली में आ गयी.
लाल दुर्ग पर राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरएसपी प्रार्थी तपन होर को परास्त कर जोड़ा फूल खिलाया था. यहां से आरएसपी प्रार्थी तपन होर चार बार निर्वाचित हो चुके हैं. वर्ष 1991-2006 तक तपन होर ने इस क्षेत्र का नेतृत्व किया.
वर्ष 1977 से 2006 तक इस सीट पर आरएसपी ने 7 बार जीत दर्ज की. इस बार यहां लड़ाई जोरदार है. राज्य के मंत्री व विधायक चंद्रनाथ सिन्हा लगातार दो बार जीतकर विधायक बन चुके हैं. इस बार हैट्रिक लगाने उतरे हैं. उन्हें यहां से भाजपा के स्थानीय प्रत्याशी डॉ अनिर्बान गांगुली और आरएसपी के प्रार्थी से कड़ी चुनौती मिल रही है.
वैसे भी इस सीट के अधीन शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय आता है, जो हाल के वर्षों में राज्य व केंद्र सरकार के बीच तनातनी का केंद्र बन गया था. विश्व भारती परिसर को चहारदीवारी से घेरने को लेकर इस केंद्रीय विश्वविद्यालय और राज्य सरकार में काफी तकरार हुई.
यहां तक कि केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा. चुनाव पर इसका असर दिख सकता है. विश्व भारती के कुलपति ने भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में आवाज बुलंद की थी. इसे लेकर जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अणुव्रत मंडल ने कथित तौर पर धमकाया था कि कुलपति को 2 मई के बाद खेल दिखाया जायेगा.
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के रवैये को लेकर विश्व भारती शांतिनिकेतन के आश्रम में रहने वालों में रोष दिखा. आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी ने विश्व भारती के मुख्य मार्ग में घेराबंदी को रोकने के लिए दीवार खड़ी कर दी थी. ऊपर से विश्व भारती द्वारा उसके प्रांगण में पौष मेला बंद किये जाने से भी स्थानीय व्यवसायियों में नाराजगी है.
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भाजपा व तृणमूल की सियासी लड़ाई के बीच आरएसपी को स्थानीय स्तर पर तपन होर के विधायक रहते हुए कामकाज का इस चुनाव में फायदा मिल सकता है. स्थानीय किसानों में भी तृणमूल से गुस्सा है.
किसानों से अधिग्रहीत भूमि तृणमूल ने उद्योगपतियों को दी
वाममोर्चा के जमाने में स्थानीय किसानों से जिस भूमि का अधिग्रहण किया गया था, उसे तृणमूल के शासनकाल में आवास योजना के लिए बड़े-बड़े उद्यमियों को दे दिया गया है. यह मुद्दा इस चुनाव में तृणमूल पर भारी पड़ सकता है. हालांकि, सीट से भाजपा प्रार्थी अनिर्बान गांगुली भी पूरा जोर लगा रहे हैं.
पिछले दिनों बोलपुर के शांतिनिकेतन में अमित शाह ने भी रोड शो किया. राजनीति के पंडित मानते हैं कि अबकी बोलपुर सीट पर तृणमूल के प्रत्याशी चंद्रनाथ सिन्हा की राह सुगम नहीं है. उनकी हैट्रिक की राह में भाजपा व आरएसपी बड़ा रोड़ा हैं. इस लिहाज से यहां त्रिकोणीय संघर्ष तय है.
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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चंद्रनाथ सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरएसपी के तपन होर को 50,027 वोटों के अंतर से हराया था. चंद्रनाथ को 1,13,258 वोट मिले थे, जबकि तपन होर को 63,231 वोट ही मिले थे.
इसके पहले वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल के चंद्रनाथ सिन्हा ने आरएसपी के तपन होर को 16,627 वोटों से हराया था. श्री सिन्हा को तब 89,394 और श्री होर को 72,767 मत मिले थे. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में बोलपुर सीट से 85 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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बोलपुर लोकसभा सीट पर जीती थी भाजपा
बोलपुर संसदीय सीट के अधीन ही बोलपुर विधानसभा सीट आती है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी असित कुमार माल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रामप्रसाद दास को 1,06,402 मतों के अंतर से हराया और बोलपुर लोकसभा सीट से सांसद बने थे.
बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के अंतिम (8वें) चरण में 29 अप्रैल को यहां मतदान होना है. मतगणना 2 मई को होगी. उसी दिन साफ हो पायेगा कि बोलपुर सीट से निर्वाचित होकर कौन राज्य विधानसभा में जायेगा.
Posted By : Mithilesh Jha