TMC राज में विकास की आस में महानगरों की ओर बढ़े कदम, आंकड़ों की जुबानी पलायन की दर्दनाक कहानी
Bengal Elections 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को है. इसके पहले चुनावी प्रचार अभियान नए मुकाम पर पहुंच चुका है. हर तरफ आरोप-प्रत्यारोप हैं. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी सीधे तौर पर बीजेपी पर ‘गुंडागर्दी’ का आरोप लगा रही हैं. विनिवेश के नाम पर सवाल पूछ रही हैं. दूसरी तरफ बीजेपी का दावा है कि बंगाल में टीएमसी की नीतियों के कारण विकास ठप हो गया है. कभी देश को लीड करने वाला बंगाल आज हताशा में जी रहा है. इन आरोपों की सच्चाई क्या है? दूसरे राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल के विकास नहीं होने के राजनीतिक आरोपों में कितनी सच्चाई है?
Bengal Elections 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को है. इसके पहले चुनावी प्रचार अभियान नए मुकाम पर पहुंच चुका है. हर तरफ आरोप-प्रत्यारोप हैं. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी सीधे तौर पर बीजेपी पर ‘गुंडागर्दी’ के आरोप लगा रही हैं. विनिवेश के नाम पर सवाल पूछ रही हैं. दूसरी तरफ बीजेपी का दावा है कि बंगाल में टीएमसी की नीतियों के कारण विकास ठप हो गया है. कभी देश को लीड करने वाला बंगाल आज हताशा में जी रहा है. इन आरोपों की सच्चाई क्या है? दूसरे राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल के विकास नहीं होने के राजनीतिक आरोपों में कितनी सच्चाई है?
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नारों के बीच पलायन, चुनाव और टूटते वादे
बंगाल में ‘खेला होबे’, ‘जय श्री राम’ के बाद सबसे ज्यादा बयानबाजी पलायन के मुद्दे पर हो रही है. इसी पलायन के जुड़े आंकड़ों में बंगाल की असली तसवीर दिखाई देती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक बंगाल से 5.8 लाख (2001 से 2011) लोगों का पलायन हुआ है. टीएमसी के राज में विकास की आस में बंगाल से पलायन दोगुना होकर करीब 11 लाख तक पहुंच चुका है. देशभर में पलायन के मामले में बंगाल चौथे नंबर पर पहुंच चुका है. अधिकांश मीडिया रिपोर्ट्स में बंगाल के विकास में पलायन को स्पीड ब्रेकर बताया जा रहा है. भले ही चुनावी मंच से एक-दूसरे पर आरोप लगाए जाएं. आंकड़ों की जुबानी बंगाल के पलायन की दर्दनाक कहानी दिखाई और सुनाई देती है.
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साल 2018 की रिसर्च में पलायन के आंकड़ें…
ममता बनर्जी ने मंगलवार को बांकुड़ा की चुनावी सभा में बंगाल के विकास का हवाला दिया. मजदूरों के लिए कई योजनाएं चलाने की बात कही. दावों के उलट 2018 की एक रिसर्च हकीकत से पर्दा उठाने के लिए काफी है. DECMA की रिसर्च के मुताबिक ममता बनर्जी के सीएम रहते हुए बंगाल में सबसे ज्यादा पलायन हुआ है. विकास की उम्मीद में बंगाल के हुगली, बर्धमान और मुर्शिदाबाद जिलों से सबसे ज्यादा लोगों ने महानगरों का रूख किया. उत्तर और दक्षिण 24 परगना के 51 ब्लॉक से 64 फीसदी लोगों ने पलायन किया है. पलायन की सबसे बड़ी वजह खराब आर्थिक स्थिति को बताई जाती है.