कोलकाता: निर्वाचन आयोग विधानसभा चुनाव के दौरान सोमवार से विदेश के चुनाव प्रबंधन निकायों के लिए इंटरनेशनल वर्चुअल चुनाव आगंतुक कार्यक्रम शुरू कर रहा है. दो दिन के इस कार्यक्रम में 26 देशों के 106 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे. इनमें अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, मलयेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मंगोलिया, नेपाल, रूस व दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस कार्यक्रम के जरिये विदेशी प्रतिभागियों को भारतीय चुनाव प्रक्रिया की व्यापक जानकारी दी जायेगी.
कार्यक्रम में मंगलवार को हो रही तीसरे दौर की मतदान प्रक्रिया का सीधा प्रसारण होगा. यह जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने बताया कि आयोग के इस प्रोग्राम के तहत दक्षिण 24 परगना के सतगछिया विधानसभा क्षेत्र के 102 नंबर बूथ (विद्यानगर गर्ल्स हाइ स्कूल) में चलनेवाली मतदान प्रक्रिया का लगभग 15 मिनट तक सीधा प्रसारण किया जायेगा. इस कार्यक्रम से जुड़े विदेशी प्रतिनिधि वर्चुअली देख पायेंगे.
वोट कर्मी एक्य मंच की ओर से सोमवार को डिप्टी चीफ इलेक्ट्रोरल ऑफिसर को एक ज्ञापन देकर संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव से पहले विशेष व्यवस्था करने की मांग की गयी, ताकि पोलिंग के दिन कोई गड़बड़ी या हिंसा की घटना न हो. वोट कर्मी एक्य मंच के महासचिव सपन मंडल ने बताया कि जिस तरह से नंदीग्राम में चुनाव के दाैरान विशेष व्यवस्था की गयी थी, वहां धारा 144 लागू की गयी थी. इसी “नंदीग्राम मॉडल” पर संवेदनशील क्षेत्रों में हर बूथ पर धारा 144 लागू की जानी चाहिए, जिससे पोलिंग के दिन किसी भी हिंसात्मक घटना या साजिश से बचा जा सके.
इसके तहत कैनिंग पूर्व, कैनिंग पश्चिम, बांगुर, वीरभूम, मोगराहाट, डायमंड हर्बर क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. उनका कहना है कि कुछ दिनों पहले, कुछ उपद्रवियों ने बिना किसी कारण ईस्ट कैनिंग असेंबली में केंद्रीय बलों पर हमला कर दिया था. वहां 80 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है. कुछ शरारती तत्वों ने क्रेदीय सुरक्षा बल के जवानों पर ही हमला कर दिया था. इस इलाके में इस तरह की घटनाएं बहुत आम हैं.
इस स्थिति में हम नंदीग्राम मॉडल की तर्ज पर मतदान की मांग करते हैं. ज्ञापन में यह भी मांग की गयी है कि जिस दिन मतदान किया जाना है, उससे एक दिन पहले प्रीसाइडिंग ऑफिसर व पोलिंग कर्मचारियों के रहने की सही व्यवस्था की जानी चाहिए. महिला कर्मचारी व पुरुष कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था अलग की जानी चाहिए. इसके साथ ही सभी पोलिंग कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने की मांग की गयी है, क्योंकि संवेदनशील पोलिंग बूथ पर भी हिंसात्मक घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है.
Posted By- Aditi Singh